राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने सवाईमाधोपुर की बामनवास तहसील स्थित ग्राम कोचर सहित आसपास की अनेकों ढाणियों में हजारों की संख्या में पानी व चारे के अभाव में गौवंश के मारे जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे भाजपा सरकार की चरम की असंवेदनशीलता करार दिया है। पायलट ने मंगलवार (3 मई) को सवाईमाधोपुर एवं करौली के सूखाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि सवाईमाधोपुर के ग्राम कोचर व उसके आसपास के इलाकों में गायों के क्षत-विक्षिप्त शवों व कंकालों का मंजर सरकारी उदासीनता की गवाही दे रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गाय के नाम पर तुष्टीकरण की नीति अपनाती है लेकिन उसी गौवंश की अनदेखी कर मरने के लिये छोड दिया गया है। स्थानीय प्रशासन गायों के शवों और मरणासन्न गायों को दफनाकर अपनी नाकामी छुपाने का असफल प्रयास कर रहा है क्योंकि जिस तादाद में गायें मरी है, उन्हें दफनाकर गायों के दम तोडने की सच्चाई पर पर्दा नहीं डाला जा सकता।

पायलट ने कहा कि प्रदेश में भीषण गर्मी का आगाज हो चुका है, परन्तु गायों व अन्य मवेशियों के लिये पानी व चारे की व्यवस्था नहीं की गई है जिसके परिणामस्वरूप सवाईमाधोपुर में प्रतिदिन लगभग 100 गायें दम तोड रही है। सम्पूर्ण प्रकरण सार्वजनिक हो जाने के बावजूद अभी तक सरकार व प्रशासन ने गायों की सुध नहीं ली है।

उन्होंने कहा कि भाजपा गाय के नाम पर वोट मांग सकती है परन्तु उसे पीने के लिये पर्याप्त पानी व खाने के लिये चारा और छाया उपलब्ध नहीं करवा पा रही हैं। सरकार की इस बेरूखी से सवाईमाधोपुर सहित प्रदेश के अनेकों क्षेत्रों में मवेशी मारे जा रहे है।

पायलट ने कहा कि गत वर्ष भी सरकार की अनदेखी के कारण प्रदेश में भारी संख्या में मवेशी मारे गये थे। बाडमेर, जैसलमेर में लगभग 20 हजार गायें गर्मी के कारण दम तोड़ चुकी है। उन्होंने कहा कि आज तक भी सरकार व प्रशासन ने गायों की बदहाली की सुध नहीं ली है। कांग्रेस व स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने गायों के लिये पानी व चारे का इंतजाम किया है।

पायलट ने कहा कि गाय की रक्षा की दुहाई देकर भावनाओं को भडकाकर भाजपा अपने सियासी फायदे को हासिल करती है परन्तु जब गाय पर विपदा आती है तो भाजपा व उससे जुडे संगठन उससे मुंह मोड लेते है। पूर्ण बहुमत प्राप्त भाजपा के राज में सूखे की स्थितियों को सरकार द्वारा गंभीरता से नहीं लेने के कारण गौ-माता तडप तडप कर मर रही है।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार भाजपा ने राम मंदिर को मुद्दा बनाकर सत्ता हासिल की थी परन्तु वही भाजपा जब शासन में आई तो उसने प्रदेश की राजधानी में 300 से ज्यादा मंदिर तोड़ दिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने गौ-निर्देशालय के स्थान पर एक मंत्रालय का भी गठन किया है, परन्तु विडम्बना यह है कि गत दो वर्षों के दौरान इस मंत्रालय ने गायों की कोई सुध नहीं ली। भाजपा के राज में प्रदेश में गत समय सरकारी अनदेखी के कारण 60 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली तब भी भाजपा सरकार ने किसी प्रकार की कोई गंभीरता नहीं बरती ऐसे में गायों की दुर्दशा पर सरकार चिंता करेगी यह सोचना भी बेमानी है।