प्रधान का चुनाव हो गया है। चुनावों में महिलाओं ने भी झंडे गाड़े और विकास खंड की सबसे बड़ी जीत महिला के नाम दर्ज हुई। विजेता महिलाओं में कोई फैशन डिजाइनर है, तो कोई पीएचडी कर चुकी हैं। शिक्षित और हुनरमंद ये महिलाएं अब जनप्रतिनिधि बनकर समाज सेवा करना चाहती हैं।

सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जिले इटावा में 471 प्रधान पद हैं जिनमें से एक उझियानी में सरकारी दखल से चुनाव नहीं हो पाया जबकि सात ग्राम प्रधान बिना विरोध जीत गए। इटावा जिले के सैफई, बसरेहर, बढ़पुरा, महेवा, चकरनगर, जसवंतनगर, भरथना और ताखा ब्लॉक में पढ़े-लिखे प्रत्याशियों ने जीत का झंडा बुलंद किया।

सरसईनावर की ग्राम पंचायत चंदरपुरा से युवा प्रियंका यादव 574 मतों से विजयी हुई। 23 वर्षीय प्रियंका बैंगलोर के नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ फैशन टेक्नॉलॉजी से फैशन डिजाइनिंग कर चुकी हैं। प्रियंका राजनीति के साथ समाज सेवा के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं। ताखा विकास खंड की ब्लॉक प्रमुख सरोज यादव की बेटी प्रियंका समाजसेवा के साथ ही शिक्षा व कैरियर को भी महत्वपूर्ण मानती है। लिहाजा मतगणना के दिन प्रियंका मास्टर डिग्री के लिए दिल्ली में परीक्षा दे रही थीं। युवा चेहरों में कमदपुर ग्राम पंचायत से आकांक्षा यादव ने प्रधान पद हासिल किया है। मनोविज्ञान से पीएचडी कर चुकी 23 साल की आकांक्षा रामगंगा कमांड के परियोजना निदेशक दिनेश यादव की पुत्री हैं। आकांक्षा समाज सेवा करना चाहती हैं।

इसी प्रकार भरतपुर खुर्द से ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए 30 साल के राजीव गुप्ता परास्नातक हैं और गांव के विकास की लालसा रखते हैं। राजीव सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी करते हैं। प्रधान बनकर अपने गांव के विकास का सपना संजोए युवा चेहरों में ग्राम पंचायत कुरखा से 24 वर्षीय नरेंद्र कुमार ने प्रधान बनकर अपने सपने की पहली सीढ़ी पर कदम रख दिया है। ये सभी युवा गांव के विकास के साथ ही ग्रामीण जनता को शिक्षित करना चाहते हैं। इनका मानना है कि शिक्षा से ही गरीबी दूर होगी। इसके साथ ही पुरुषों में मोहरी से एडवोकेट रामशंकर ने बाजी मारी, तो अमथरी से दो प्रत्याशियों को बराबर बराबर (281) मत प्राप्त हुए। ऐसी स्थिति में पुनर्मतगणना करवाई गई जिसमें सत्यराम एक वोट से विजयी हुए।

शशांक शेखर यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री रामसेवक यादव के नाती हैं और इटावा जिले के बसरेहर ब्लॉक के गंगापुरा से सबसे कम उम्र के प्रधान हैं। उनकी जीत के चर्चे हैं। गंगापुरा में समाजवादी पार्टी से पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री और मुलायम सिंह के करीबी रामसेवक यादव के नाती शशांक शेखर अपने करीबी प्रत्याशी जीतेंद्र से 441 वोटों से जीते। शशांक के प्रधान बनते ही लोग खुशी से झूम उठे। वहीं कार्यकर्ताओं ने माला पहनाकर इस युवा प्रधान का स्वागत किया। प्रधान बनते ही घर में तिलक लगाकर उनका स्वागत किया गया। पूर्व मंत्री रामसेवक यादव का कहना है कि नाती के प्रधान बनने से वह गर्व महसूस कर रहे हैं क्योंकि मात्र इक्कीस साल की उम्र में शशांक ने यह चुनाव जीता है। दूसरी ओर शंशाक का कहना है कि उन्होंने अपने दादा के आशीर्वाद से चुनाव जीता है और अब वह जनता से किए वादों को निभाएंगे।