Former UP Minister Gayatri Prajapati: उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर से ऑर्थोपेडिक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। जेल में सफाई ड्यूटी पर तैनात एक साथी कैदी से विवाद के बाद वह घायल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें केजीएमयू में भर्ती कराया गया था।

30 सिंतबर, 2025 की रात लखनऊ की जेल में गायत्री प्रजापति के ऊपर एक कैदी ने हमला किया था। इस हमले में उन्हें काफी गंभीर चोटें आईं हैं, जिसके उनका इलाज KGMU ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है।

गायत्री प्रजापति की बेटी ने कहा था कि पिता के सिर में 18 से 20 टांके लगे हैं। उन पर पूरी साजिश के तहत हमला किया गया है। उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई। अगर वो जेल में भी सुरक्षित नहीं हैं तो कहां सुरक्षित होंगे। हमें न्यूज चैनल के जरिये उन पर हमले की जानकारी हुई। हम सरकार से मांग करते हैं कि हमें न्याय दिया जाए और उन्हें जमानत दी जाए। वहीं, समाजवादी पार्टी ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है, जबकि प्रजापति का स्वास्थ फिलहाल स्थिर बताया जा रहा है।

गायत्री प्रजापति पर हमले के बाद डीआईजी जेल डॉक्टर रामधनी ने कहा था कि गायत्री प्रजापति ने पहले अपशब्द बोले थे, जिसके बाद बंदी विश्वास ने पूर्व मंत्री पर हमला किया था। ये अचानक हुई घटना थी, इसमें साजिश की कोई बात सामने नहीं आईं है। उन्होंने बताया कि कैदी ने अलमारी में लगे लोहे के पटरे से उनपर हमला कर दिया था, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

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डीआईजी जेल ने बताया था कि मौके पर मौजूद जेल प्रशासन ने तत्काल उन्हें जेल अस्पताल में भर्ती कराया।जहां उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया। इसके बाद पूर्व मंत्री बेहतर इलाज के लिए केजीएमयू अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां एक्स-रे और सीटी स्कैन रिपोर्ट सामान्य पाई गई।हालांकि, उनके सिर में 5 से 10 टांके लगाए गए। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। डीआईजी द्वारा बताया गया कि आरोपी बंदी के खिलाफ FIR करा दी गई है। वहीं, मामले की विभागीय जांच की जांच की जा रही है।

भ्रष्टाचार का लगा था गंभीर आरोप

यूपी में समाजवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद 2012 में जब अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनी। इसके एक साल के भीतर 2013 में गायत्री प्रजापति को सिंचाई राज्यमंत्री बनाया गया। वह मुलायम सिंह यादव की पसंद थे। अखिलेश यादव पर दबाव बढ़ा। इसके बाद उन्हें खनन विभाग का स्वतंत्र प्रभार वाला मंत्री बना दिया गया। यहीं से उनके खिलाफ विवाद शुरू हुआ। गायत्री प्रजापति पर आरोप लगा कि खनन माफियाओं के साथ गठजोड़ कर उन्होंने अरबों की संपत्ति बनाई। इन संपत्तियों को रिश्तेदारों और करीबियों के नाम पर खपाया गया। गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म का भी आरोप है।

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