असम में शनिवार को पहले चरण के मतदान से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को एक वीडियो संदेश जारी किया। संदेश में मनमोहन सिंह ने कहा कि आज असम को “धर्म, संस्कृति और भाषा के आधार पर बांटा जा रहा है।” उन्होंने मतदाताओं से ऐसी सरकार बनाने के लिए अपना वोट देने का आग्रह किया जो कि भारत के संविधान की रक्षा करती हो और लोकतंत्र के सिद्धांतों का सम्मान करती हो ”।

मालूम हो कि कल असम की 47 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। 28 साल (1991-2019) तक असम से राज्यसभा सदस्य रहने वाले सिंह ने कहा: “आपको ऐसी सरकार को वोट देना चाहिए जो हर नागरिक की देखभाल करे, हर समुदाय के लिए हो। आपको एक ऐसी सरकार को वोट देना चाहिए जो समावेशी विकास सुनिश्चित करे और असम को एक बार फिर शांति और विकास के रास्ते पर ले जाए। ” सिंह ने कहा कि असम लंबे समय तक “उग्रवाद और अशांति ” का शिकार रहा। लेकिन 2001 से 2016 तक पूर्व सीएम, दिवंगत तरुण गोगोई के नेतृत्व में असम ने शांति और विकास की ओर कदम बढ़ाए।

सिंह ने कहा, “हालांकि, अब इस शांति को बहुत गंभीर झटका लग रहा है।” उन्होंने कहा, “समाज, को धर्म, संस्कृति और भाषा के आधार पर बांटा जा रहा है। आम आदमी को बुनियादी अधिकारों से वंचित किया जा रहा है और तनाव और भय का माहौल है। नोटबंदी और जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को कमजोर कर दिया है। ”


बेरोजगारी के कारण पैदा हुए संकट पर जोर देते हुए, सिंह ने कहा कि भाजपा शासन में पेट्रोल, डीजल और खाना पकाने की गैसों की कीमतें बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा, “गरीब और गरीब होते जा रहे हैं, और कोविड -19 से स्थिति बदतर हो चली है।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस असम की अनूठी भाषा, संस्कृति और इतिहास की रक्षा करने और सभी समुदायों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो कांग्रेस, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को रद्द करने की पूरी कोशिश करेगी।

सिंह ने कांग्रेस के घोषणा पत्र की पांच गारंटियों को “व्यावहारिक” बताते हुए कहा कि वे राज्य को “समृद्धि” की ओर ले जाएंगी।