दिवंगत नामधारी डेरा प्रमुख सतगुरू जगजीत सिंह की 88 वर्षीय पत्नी चांद कौर की सोमवार यहां अज्ञात हमलावरों ने नजदीकी भैणी साहिब स्थित डेरा मुख्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी। उन पर गोलियां चलाने वाले मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात युवक थे। चश्मदीदों ने पंजाब पुलिस को बताया कि चांद कौर पर करीब पांच राउंड गोलियां बरसार्इं गर्इं।
एक गोली उनकी छाती में जबकि दूसरी माथे में लगी। हमले के बाद उन्हें अपोलो अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें कुछ घंटों के उपचार के बाद मृत घोषित कर दिया गया। हमले के समय चांद कौर के साथ उनके सेवादार ने जनसत्ता को दी जानकारी में बताया कि चांद कौर सतगुरू प्रताप अकादमी के बच्चों से मिलने के बाद बाहर आ रहीं थीं कि तभी मोटरसाइकिल सवार दो युवक उनके सामने आ खड़े हुए और चरण-स्पर्श का आग्रह किया।
नामधारी डेरा के प्रवक्ता लखवीर सिंह ने बताया, ‘पैर छूने के बाद उनमें से एक युवक ने उन पर गोलियां बरसा दीं और फिर दोनों फुर्र हो गए। ये सब एक झटके में हुआ। वह भैणी साहिब में रोजमर्रा की ही तरह बच्चों से मिलने आर्इं थीं।’ शव का पोस्टमार्टम सिविल अस्पताल, लुधियाना में हुआ। बड़ी संख्या में डेरा समर्थक अपोलो अस्पताल और सिविल अस्पताल में जमा हो गए।
लुधियाना के पुलिस आयुक्त जेएस औलख ने बताया, ‘हमने भैणी साहिब, खन्ना, माछीवाड़ा और आसपास के इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए हैं। हमारी प्राथमिकता कानून-व्यवस्था बनाए रखने की है। वारदात में अज्ञात हमलावरों के खिलाफ कूमकलां थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।’
वारदात के बाद नामधारी समर्थकों ने ठाकुर दिलीप सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनकी गिरफ्तारी की मांग उठाई। उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया और सड़क पर आवाजाही बाधित करने की कोशिश की पर पंजाब पुलिस ने हालात बिगड़ने नहीं दिए। उन लोगों ने दिलीप सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारेबाजी की।
इस बीच, ठाकुर उदय सिंह ने अपने बयान में समर्थकों से शांति बरतने और पुलिस जांच तक सब्र रखने की गुहार लगाई है। नामधारी डेरा के प्रवक्ता लखवीर सिंह ने कहा, ‘हमारे युवा समर्थक हिंसक हो गए और उन्होंने इस हत्याकांड में दिलीप सिंह का हाथ बताया। ठाकुर उदय सिंह ने समर्थकों को शांत रहने और नामधारी डेरे की शांतिपसंद साख कायम रखने भी आग्रह किया है।’
वर्ष 2012 में अपने पति जगजीत सिंह की मौत के बाद चांद कौर ने अपने छोटे भतीजे ठाकुर उदय सिंह को गद्दी का वारिस बनाया, जबकि विरोधी गुट चाहता है कि गुरु गद्दी उदय के बड़े भाई ठाकुर दिलीप सिंह को दी जाए।