पूर्व भाजपा सांसद चंदन मित्रा की कंपनी आयकर विभाग के जांच के घेरे में आ गई है। आयकर विभाग ने सीएमवाईके प्रिंटेक लिमिटेड के खिलाफ ‘रिकवरी’ और ‘ अभियोजन’ की कार्रवाई शुरू की है। रिकॉर्ड के अनुसार कंपनी ने 2007-08 में कंपनी के कर्मचारियों से एकत्रित किया गया टीडीएस कथित रूप से जमा नहीं किया है। यह कंपनी पायोनियर न्यूजपेपर चलाती है।
दो बार के राज्यसभा सांसद चंदन मित्रा इस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। मित्रा पिछले साल जुलाई में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। रिकॉर्ड के अनुसार आयकर विभाग दिल्ली ने सीएमवाईके के खिलाफ 2007-08 से 2016-17 के बीच कथित रूप से 5.26 करोड़ रुपये टीडीएस नहीं जमा करने के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। इस दौरान कंपनी अपने बहादुर शाह जफर मार्ग से संचालित हो रही थी।
आयकर अधिकारियों ने यूपी के नोएडा स्थित कंपनी के परिसर में सर्वे किया। कंपनी पिछले साल यहां शिफ्ट हो गई थी। सर्वे में यह पाया गया कि कंपनी ने कथित रूप से मार्च 2018 से 2.67 करोड़ रुपये नहीं जमा कराए। जब इंडियन एक्सप्रेस ने चंदन मित्रा से संपर्क किया तो उन्होंने कहा, ‘यह खत्म हो चुका है। हम पहले ही इस मुद्दे को सुलझा चुके हैं। यह मामला अब खत्म हो चुका है। हम सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा करने नहीं जा रहे हैं।’

सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग ने रिकवरी प्रक्रिया शुरू कर दी है। 30 नवंबर 2018 को कंपनी के बैंक अकाउंट को अटैच करने के बाद सीएमवाईके ने 30 लाख रुपये और बाद में 40 लाख रुपये जमा कराए थे। उन्होंने बताया कि कंपनी ने 31 जनवरी 2019 तक की अपनी वैधानिक टीडीएस जिम्मेदारी से मुक्ति से के लिए आयकर विभाग के दिल्ली कार्यालय में भुगतान शिड्यूल जमा कराया था। कंपनी इसका पालन करने में असफल रही। रिकॉर्ड के अनुसार आयकर दिल्ली जोन के डिप्टी कमिश्नर ने विभाग के नोएडा कार्यालय को रिकवरी और अभियोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।