सबरीमाला मंदिर में सबसे पहले दर्शन करने वाली दो महिलाओं में से एक अस्पताल में भर्ती है। कनकदुर्गा के साथ उनकी सास ने कथित तौर पर मारपीट की जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टरों के मुताबिक फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। उल्लेखनीयह है कि कनकदुर्गा दर्शन करने के करीब दो हफ्ते बाद अब घर लौट पाई हैं। मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की तरफ से मिल रही धमकियों के चलते वे छिपी हुई थीं।
नए साल में रच दिया इतिहासः कनकदुर्गा और बिंदु अमीनी ने सैकड़ों साल पुरानी परंपरा को तोड़कर 2 जनवरी को यह इतिहास रचा था। दोनों की उम्र 40 साल के आसपास है। गौरतलब है कि सबरीमाला में 10 से 50 वर्ष तक की उम्र वाली महिलाओं को रजस्वला होने के चलते सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता था। लेकिन पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी। मंदिर प्रबंधन ने भी कोर्ट का आदेश मानने से इनकार कर दिया था। लेकिन केरल सरकार ने आदेश को लागू करवा दिया। हालांकि इसका काफी विरोध हुआ और केरल से लेकर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन किए गए।
क्या करती हैं दोनों महिलाएंः कनकदुर्गा सरकारी कर्मचारी है जबकि बिंदु अमीनी केरल की कन्नूर यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर हैं। कनकदुर्गा ने मीडिया से कहा, ‘मैं जानती थी कि मेरा जीवन खतरे में पड़ जाएगा लेकिन फिर भी मैं मंदिर जाना चाहती थी। हमें गर्व है कि हमने महिलाओं के सबरीमाला मंदिर जाने की राह आसान कर दी। यह श्रद्धा के साथ-साथ लैंगिक समानता का भी मसला था।’