उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ अखिलेश यादव एक-एक सीट के समीकरण को साधने की तैयारियों में जुटे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी के गुट आपस में धक्का मुक्की और हाथापाई कर रहे हैं। जौनपुर में सपा के दो गुटों के बीच गाड़ी ओवरटेक करने को लेकर पहले कहासुनी हुई और बाद में हाथापाई होने लगी। जौनपुर में मल्हनी से सपा MLA के खिलाफ इस प्रकरण में लूट, मारपीट और धमकी देने का मामला दर्ज किया गया है। सपा नेता मनोज यादव की तहरीर पर विधायक लकी यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश प्रमुख महासचिव राज नारायण बिंद के आगमन कार्यक्रम के लिए सपा नेताओं का जुटान हुआ था। वाहनों के काफिला में कुछ लोग साथ साथ चल रहे थे। गाड़ियों का कारवां जब लखौवा बाजार के पास पहुंचा तो ओवरटेक करने को लेकर विधायक के ड्राईवर और समर्थकों की कहासुनी हो गई। देखते ही देखते बात धक्के मुक्की और मारपीट तक पहुंच गई।
इस धक्का मुक्का का एक वीडियो भी सामने आया है। विधायक लकी यादव अपनी सफाई पेश करते हुए कह रहे हैं कि वह मारपीट की जगह पर मौजूद ही नहीं थे, वहीं वायरल हो रहे वीडियो में वह साफ दिखाई दे रहे हैं।
खाद्य की कमी को लेकर अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा: अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में उर्वरक की कमी को लेकर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि अपने खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश के चलते सत्ता में वापसी की सम्भावनाएं खत्म होते देख सरकार ने किसानों को पूरी तरह हाशिये पर रख दिया है। अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा, ”भाजपा सरकार की संवेदनहीनता की हद है कि खाद के लिए किसान घंटों नहीं, कई-कई दिन लाइन लगाने को मजबूर हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही है। प्रदेश के तमाम जनपदों में खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ हैं पर सरकार कान में तेल डाले बैठी है।”
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा वैसे भी पूंजी घरानों की संरक्षक पार्टी है। उसे अब लग रहा है कि बढ़ते जनाक्रोश के चलते उसकी सत्ता में दोबारा वापसी नहीं होने वाली है। इसलिए वह किसानों को पूरी तरह हाशिये पर रख रही है। किसान आंदोलन को लगभग एक वर्ष हो रहा है, भाजपा सरकार ने अन्नदाता किसान को लांछित करने के साथ लाठियों से पिटवाया और टायरों से कुचलवाया है। न काले कृषि कानून वापस लिए और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य को अनिवार्य बनाया। अब किसान पूरी ताकत से भाजपा को सत्ता बेदखल करेगा।”