नई दिल्ली से कथित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी सज्जाद अहमद खान को गुरुवार (21 मार्च) को गिरफ्तार किया गया। लेकिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के दावे को खारिज करते हुए उसके परिवार का कहना है कि उसे एक महीने से अधिक समय पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके साथ ही सज्जाद के पिता ने स्वीकार किया कि उनके दो बेटे इश्फाक और शोकात आतंकवादी थे और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे मेरे तीसरे बेटे को उठाएंगे। सज्जाद निर्दोष है।

16 फरवरी को हुआ था गिरफ्तार: सज्जाद खान के पिता गुलाम नबी खान ने कहा कि उनके बेटे को 16 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। वहीं दिल्ली पुलिस ने उन्हें बताया था कि उन्हें कुछ दिनों में रिहा कर दिया जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए गुलाम नबी खान ने कहा- वे (एनआईए) झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि उन्होंने सज्जाद को दिल्ली गेट से 16 फरवरी को हिरासत में ले लिया था।

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दिल्ली पुलिस ने कुछ भी कहने से किया इनकार: बता दें कि इंडियन एक्सप्रेस ने 19 फरवरी को रिपोर्ट दी थी कि पुलिस ने 16 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा के सात लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था और बाद में उन्हें रिहा कर दिया था। इसके बाद एनआईए ने 22 मार्च को सज्जाद की गिरफ्तारी का दावा करने के बाद, स्पेशल सेल ने द इंडियन एक्सप्रेस को पुष्टि की कि वह तब उठाए गए सात लोगों में से था। वहीं दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।

दिल्ली में ठिकाने बनाने के लिए आया था सज्जाद: NIA ने अपने स्टेटमेंट में बताया था कि सज्जाद को दिल्ली -एनसीआर में स्पेशल ठिकाने बनाने के लिए भेजा गया था। यहां पर स्पेशल टारगेट का सिलेक्शन करके और आगे की आतंकी गतिविधियों के लिए मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने का काम भी सज्जाद को दिया गया था। वहीं सज्जाद की गिरफ्तारी की घोषणा करते हुए एनआईए ने कहा कि वह एक जैश आतंकवादी था और 21 मार्च को दिल्ली पुलिस द्वारा पहली बार पकड़ लिया गया था।

 

NIA की रिपोर्ट से गुलाम ने किया इनकार: इस बात से इनकार करते हुए गुलाम ने कहा कि अहमद दिल्ली में एक शाल व्यवसाय चला रहा था और अपने बेटे की गिरफ्तारी के बारे में पता चलने पर, वह उससे मिलने के लिए लोधी गार्डन में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल गया था। इसके साथ ही गुलाम ने कहा- उन्होंने बताया कि सज्जाद उनके पास है लेकिन वो मुझे नहीं दिखाया गया। मैं 25 दिनों से दिल्ली में था। हर दिन उन्होंने मुझे अगले दिन आने के लिए कहा। हर दिन उन्होंने मुझे बताया कि वह अगले दिन रिहा हो जाएंगे। जब मैंने उनसे कहा कि मैं उन्हें कुछ कपड़े और पैसे देना चाहता हूं, तो उन्होंने मुझे बताया कि वे इसे खुद उन्हें दे देंगे और बाद में मुझसे पैसे इकट्ठा करेंगे। इसके साथ ही गुलाम ने बताया कि उनके बेटे को 4-5 कश्मीरी लड़कों के साथ हिरासत में लिया गया था। बाकी लोगों को रिहा कर दिया गया लेकिन सज्जाद को नहीं।