जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने घाटी की स्थिति पर पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के विवादास्पद बयान का समर्थन किया है। नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता ने पाकिस्तानी क्रिकेटर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘कश्मीर में हो रही हत्याओं की हर किसी ने निंदा की है। सभी देश भी इसकी निंदा कर रहे हैं। यह (हत्या) हर हाल में रुकनी चाहिए।’ सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों के एनकाउंटर के बाद विरोध प्रदर्शन पर फारूक ने कहा, ‘ये लोग (सुरक्षाबल) बेगुनाहों को मार रहे हैं…उनलोगों को भी मारा जा रहा है जो आतंकी नहीं हैं।’ फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीर को लेकर पहली बार विवादास्पद बयान नहीं दिया है। फारूक अब्दुल्ला ने पिछले साल पाकिस्तान से बात करने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि भारत पड़ोसी देश से युद्ध नहीं कर सकता है, क्योंकि पाकिस्तान के पास भी परमाणु बम है। ऐसे में सरकार कितनों को मरवाएगी। साथ ही उन्होंने ‘दोस्तों’ की मदद लेने की बात कह कर इस विवाद में तीसरे पक्ष को शामिल करने का संकेत दिया था। इसके बाद भाजपा ने फारूक की निंदा की थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उनके बयान को खारिज कर दिया था। फारूक अब्दुल्ला ने इस साल मार्च में भी कश्मीर को लेकर विवादास्पद बयान दिया था। फारूक ने दोनों देशों की ओर से की जा रही गोलीबारी पर कहा था कि जब तक दोनों देश शांति के बारे में नहीं सोचेंगे तब तक यह रुकने वाली नहीं है।
Everybody has condemned the killings in Kashmir. Every nation is condemning the killing, the killing must stop: Farooq Abdullah, former J&K CM on Shahid Afridi's tweet pic.twitter.com/hSzKvkhHlx
— ANI (@ANI) April 4, 2018
Appalling and worrisome situation ongoing in the Indian Occupied Kashmir.Innocents being shot down by oppressive regime to clamp voice of self determination & independence. Wonder where is the @UN & other int bodies & why aren't they making efforts to stop this bloodshed?
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) April 3, 2018
शाहिद अफरीदी के विवादित बोल: अफरीदी ने 3 अप्रैल को ट्वीट किया था, ‘भारत के कब्जे वाले कश्मीर की स्थिति दुखद और चिंताजनक है। वहां दमनकारी सरकार द्वारा बेगुनाहों को गोली मारी जा रही है। इसका मकसद आत्मनिर्णय और आजादी की आवाज को कुचलना है। संयुक्त राष्ट्र और दूसरी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कहां हैं। ये संस्थाएं खून-खराबा रोकने के लिए कोई कोशिश क्यों नहीं कर रही है?’ पाकिस्तानी खिलाड़ी ने टीवी चैनलों पर भी भारत के खिलाफ आग उगली थी। उन्होंने अपना पक्ष करते हुए कहा था, ‘वहां (कश्मीर) क्यों बेवजह जानें जा रही हैं? पाकिस्तान और हिन्दुस्तान समझदार मुल्क हैं। इस मसले को वे आराम से बैठकर हल कर सकते हैं। यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं है। सबसे पहले कश्मीरियों से पूछा जाना चाहिए कि वो कहां जाना चाहते हैं? वे किस मुल्क के साथ जाना चाहते हैं या किसी देश के साथ नहीं रहना चाहते हैं? क्या वे अपना अलग मुल्क चाहते हैं? ये उन कश्मीरियों से पूछा जाना चाहिए। पाकिस्तान और हिन्दुस्तान बातचीत के जरिये आराम से इस मामले को हल कर सकते हैं।’