कृषि बिलों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच उत्तराखंड पुलिस ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) नेता मंजिंदर सिंह सिरसा, उनके समर्थक और किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। ये सभी दिल्ली और इसकी सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन में शामिल होने वाले थे। इधर एफआईआर दर्ज होने पर सिरसा ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि वो दो दिन पहले उत्तराखंड के उधमसिंह नगर और यूपी के रामपुर गए थे। वहां पुलिस किसानों को प्रताड़ित कर रही थी। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को सुबह साढ़े दस बजे पुलिस ने हमें रोकने की कोशिश की और एफआईआर भी दर्ज की।
SAD नेता ने कहा कि पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया। करीब एक हजार किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। ऐसा मैंने अपनी जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा जहां सिर्फ प्रदर्शन करने के लिए रोका गया हो। ऐसा सिर्फ अंग्रेजों के शासन में होता था आजाद भारत में नहीं। उन्होंने कहा कि पीएम को किसानों की बात सुननी चाहिए और कृषि बिलों को वापस लेना चाहिए। क्योंकि तीनों कृषि बिल बिजनेसमैन समर्थित हैं ना कि किसान।
बता दें कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित अन्य राज्यों के किसान पिछले 33 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि बिलों के खिलाफ प्रदर्शन कर कर हैं। किसानों ने मोदी सरकार से इन बिलों को वापस लेने की मांग की है। कृषि बिल विवाद पर किसान और केंद्र सरकार के बीच कई चरणों में बातचीत हो चुकी है मगर कोई हल नहीं निकला।
इधर सरकार संग नए सिरे से बातचीत के लिए किसानों ने केंद्र को चिट्ठी लिखी थी। अन्नदाताओं ने मंगलवार को सुबह 11 बजे मीटिंग का समय दिया था। इसमें उन्होंने चार बातें रखी थीं। कृषि बिलों को वापस लेने की संभावनाओं पर बातचीत उनकी प्रमुख शर्तं में से एक हैं। माना जा रहा है कि मोदी सरकार आज किसानों को उनकी मांग पर जवाब दे सकती है।
इस बीच में किसान आंदोलन में शामिल वरिष्ठ अधिवक्ता अमरजीत सिंह ने रविवार को आत्महत्या कर ली। वो पंजाब के फाजिल्का जिले में जलालाबाद के निवासी थी। उन्होंने टिकरी बॉर्डर पर जारी प्रदर्शन स्थल से करीब पांच किमी दूर जहर खा लिया। उन्होंने एक सुसाइड नोट भी लिखा जिसमें पीएम मोदी को तानाशाह बताया।

