केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसान इन कृषि काननू को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान तेज ठंड और बारिश के चलते बीमार होने से कई किसाओं ने अपनी जान गवां दी है। इन सभी को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नौकरी और पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की बात कही है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा “मुझे रिपोर्ट मिली कि दिल्ली में तीन कृषि क़ानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक 76 किसानों का निधन हो चुका है। मैं घोषणा करता हूं कि इनमें से जो पंजाब से हैं उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देंगे।”

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर कृषि कानूनों को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि क्या इस देश में एक संविधान है। कृषि सातवीं अनुसूची के तहत राज्य का विषय है। केंद्र ने संसद में चर्चा के बिना इसे क्यों पास किया, क्योंकि उनके अधिक सदस्य हैं। राज्यसभा में यह अराजकता में पारित किया गया।

किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की वार्ता विफल हो गई। शुक्रवार को इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अफसोस जताया। कड़ा रुख अख्तियार करते हुए आरोप लगाया कि कुछ ‘‘ताकतें’’ हैं, जो अपने निजी और राजनीतिक हितों के चलते आंदोलन को जारी रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों का क्रियान्वयन 12-18 महीनों तक स्थगित रखने और तब तक चर्चा के जरिए समाधान निकालने के लिए समिति बनाए जाने सहित केंद्र सरकार की ओर से अब तक वार्ता के दौरान कई प्रस्ताव दिए गए लेकिन किसान संगठन इन कानूनों को खारिज करने की मांग पर अड़े हैं।

ट्रैक्टर परेड को शनिवार को रवाना होंगे किसानः पंजाब और हरियाणा के किसानों के कई जत्थे कुछ दिनों के पूर्वाभ्यास और तैयारियों के बाद 26 जनवरी को दिल्ली में प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को निकलेंगे। भारती किसान यूनियन (एकता-उग्राहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, “हमारा पहला जत्था खनौरी (संगरूर में) से और दूसरा डबवाली (सिरसा जिले में) से रवाना होगा।” उन्होंने कहा कि लोगों के उत्साह को देखते हुए हमारी यूनियन से जुड़े 30,000 से अधिक ट्रैक्टर परेड का हिस्सा होंगे।