केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर कानून वापस नहीं लिए जाने पर अपना आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है। दिल्ली-यूपी की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने टीवी चैनल एबीपी न्यूज से कहा कि सरकार को इन बिलों को वापस लेना होगा। किसानों ने कहा कि इसके लिए एक साल लगें या दो साल, मगर वो बिल को वापस करवाकर ही घर लौटेंगे। एक सवाल के जवाब में प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि सरकार ने बात ना मानी तो वो 26 जनवरी भी दिल्ली में ही देखेंगे।

इधर भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) ने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब और हरियाणा के किसानों को पूरा समर्थन जाहिर किया है और किसानों को गुटों में बांटने के कथित प्रयासों के प्रति उन्हें होशियार रहने को कहा है। भारतीय किसान यूनियन के इस धड़े के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने कहा, ‘उनके संगठन की मांग है कि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर नए कृषि कानूनों को वापस ले। इसके अलावा एक कृषि आयोग गठित हो जिसमें केवल कृषि वैज्ञानिक और किसान ही सदस्य हों।’ उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में आसपास के कई और जिलों के किसान भी उनके आंदोलन में शामिल होंगे।

हरियाणा में पलवल के किसानों ने भी कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने का ऐलान किया है। किसानों ने हजारों की संख्या में दिल्ली पहुंचने की बात कही है, जिसके बाद बदरपुर बॉर्डर पर फिर से पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस प्रवक्ता आदर्शदीप के अनुसार किसानों के ऐलान के बाद बदरपुर बॉर्डर पर पुलिस बल को तैनात किया गया है। दिल्ली के बायपास रोड पर भी भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस आने-जाने वाली गाडियों की जांच कर रही है।

इधर किसानों और सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत जारी है। आज यानी गुरुवार दोपहर 12 बजे से किसानों और सरकार के बीच विज्ञान भवन में बैठक जारी है। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं जबकि सरकार की तरफ से उन्हें समझाने की कोशिश चल रही है। (एजेंसी इनपुट)