कृषि बिलों के खिलाफ किसान प्रदर्शन मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर आमने सामने हैं। पंजाब सीएम ने हरियाणा सरकार पर किसानों के हितों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में आने की अनुमति देती है मगर खट्टर अन्नदाताओं पर हमला करवाते हैं।

सीएम अमरिंदर ने शनिवार को एक वीडियो शेयर कर ट्वीट किया कि किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में जाने से रोकने वाले मनोहर खट्टर कौन होते हैं जबकि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार उन्हें प्रवेश की अनुमति दे रही है। किसानों के साथ मारपीट क्यों की गई। बकौल अमरिंदर उन्होंने किसानों के साथ जो किया उसके लिए मैं उन्हें माफ नहीं करूंगा। उन्होंने मुझे फोन नहीं किया मगर अब तब तक बात नहीं करूंगा वो माफी नहीं मांग लेते हैं।

उन्होंने ट्वीट के साथ रिपब्लिक भारत का एक वीडियो भी शेयर किया। इसमें वो कहते नजर आते हैं, ‘मैंने कहा कि मेरी राष्ट्रीय राजधानी है और हर किसी को वहां जाने का अधिकार है। वहां किसान जाना चाहते थे। केंद्र सरकार उन्हें जगह देने और मिलने के लिए तैयार थी। हमने भी कोई समस्या नहीं जताई, किसान दिल्ली में अपने दिल की बात कहना चाहता है, कहे। मगर बीच में हरियाणा ने रुकावट पैदा कर दी। ऐसा पहली बार नहीं है, पूर्व में कई बार ऐसा हो चुका है। खट्टर उल्टा मुझपर आरोप लगाते हैं।’

कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि हरियाणा के सीएम कुछ नहीं देख रहे। उन्हें नहीं मालूम कि पंजाब में क्या हो रहा है। किसान आंदोलन के पीछे वो हमें बताते हैं। वो अपने राज्य को संभालें। उन्होंने जैसे पंजाबियों के साथ व्यवहार किया है, अब मैं उनसे बात नहीं करूंगा। इधर बात करने के पंजाब सीएम के दावे पर सीएम खट्टर के निजी सचिव ने प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कॉल डिटेल शेयर कर दावा किया कि आशा की कैप्टन अमरिंदर अच्छा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हालांकि मैं बहुत अजीब स्थिति में हूं। इसलिए मैंने बताने की सोचा है सर। ऐसा लगता है कि आपके निजी कर्मचारियों ने आपको अन्य मुख्यमंत्रियों के फोन कॉल्स के बारे में जानकारी नहीं दी।’

मुख्य सचिव अभिमन्यु सिंह ने कहा कि 23 नवंबर, 2020 को सीएम आवास से पंजाब सीएम आवास को पहली कॉल की गई मगर उन्होंने हमसे सिसवा फॉर्म में कॉल करने को कहा। हमने वहां भी फोन भी किया। अगले दिन भी करीब दर्जनभर बार सीएम आवास और सिसवा फॉर्म में फोन किया गया।