पंजाब के किसान कर्ज माफी को लेकर धरने पर हैं। बता दें कि बठिंडा में भारतीय किसान एकता उग्राहां की ओर से एक जनवरी से पांच दिवसीय धरने की शुरुआत हुई है। यही नहीं इसके साथ ही प्रदेश में करीब 12 अलग अलग जिलों में किसानों ने धरना प्रदर्शन किया है। किसानों ने बैंकों के सामने कर्ज माफी, खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों की मांग पूरी करवाने के लिए धरना किया।

जारी है प्रदर्शन: लुधियाना में भारतीय स्टेट बैंक की संगरूर, पटियाला, बरनाल और मच्छीवारा शाखा के सामने किसानों ने धरना किया तो वहीं बठिंडा में मुक्तसर, जलालाबाद, फिरोजपुर और फरीदकोट में कृषि बैंक के सामने धरना किया। वहीं मोगा, गुरदासपुर में पंजाब नेश्नल बैंक और सिंध बैंक के सामने धरना किया। इसके साथ ही मनसा में कॉर्पोरेटिव बैंक के सामने धरना दिया। किसानों की मांग है कि उनके ब्लैंक चेक्स उन्हें वापस दिए जाएं।

किसानों को करते हैं जलील: भाकियू उग्राहां के अध्यक्ष शिंगारा सिंह मान ने कहा कि बैंक या अढ़ातिया जब किसानों को कर्ज देते हैं तो ब्लैंक चैक पर साइन करवा लेते हैं। जिसके बाद जब किसान कर्ज वापसी में जरा सी भी देर करता है तो बैंक कर्मी मर्जी से उस ब्लैंक चैक पर रकम भरते हैं और बैंक में लगा देते हैं। लेकिन ऐसे में चैक बाउंस हो जाता है जिसके बाद किसानों को जलील किया जाता है।

सरकार पर लगाया आरोप: किसान नेता कोकरी कलां ने कहा कि बैंक पुलिस का सहारा लेती है और जो किसान पैसे नहीं दे पाते उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके साथ ही सरकार पर किसान नेता ने हमला करते हुए कहा कि ये कैसी कर्ज माफी है। जिसमें किसानों को पुलिस गिरफ्तार कर लेती है। इसके साथ ही किसानों के आत्महत्या के बाद भी उनकी जमीन बेंची जा रही है।