Farmer Suicide Case Increasing in Maharashtra: देश में किसानों की जो दुर्गति के बारे में हर कोई जानता है लेकिन कोई बोलने को तैयार नहीं है। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद अभी भी खेती करने वाले छोटे और मंझोले किसान सीमित संसाधनों में खेती कर रहे हैं। ऐसे में किसानों को अन्य जरूरतों के लिए बैंकों से लोन भी लेना पड़ता है। जिसे समय पर नहीं चुकाने पर उसका ब्याज लगातार बढ़ता जाता है। महाराष्ट्र में कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ा है। पिछले महीने में (अगस्त 2022) में महाराष्ट्र के 48 किसानों ने आत्महत्या कर ली थी। वहीं अगर सितंबर की बात करें तो 12 दिनों में 12 किसानों ने आत्महत्या कर ली है।
हम लगातार मीडिया में किसानों की आत्महत्या की खबरें पढ़ते रहते हैं। महाराष्ट्र के यवतमाल से किसानों की आत्महत्या को लेकर हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जिले को डीएम अमोल येगे ने बताया, ‘अगस्त महीने में 48 किसानों ने आत्महत्या की है, जबकि इस महीने के बीते 12 दिनों में ही 12 किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस साल महाराष्ट्र में 12 सितंबर तक कुल 205 किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आ चुके हैं।
यवतमाल में एक और किसान ने कर्ज में डूबकर की आत्महत्या
महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में बारिश से फसल को हुए नुकसान के कारण कई किसानों ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने वाले एक किसान के बेटे ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया, “बारिश की वजह से फसल खराब हो गई थी जिससे पिताजी बहुत निराश हो गए थे। पिताजी पर 2-3 बैंकों के 10-12 लाख रुपयों का कर्ज़ था। सरकार से अभी तक किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है।”
सरकारी कार्यक्रम में किसानों से करेंगे बातः जिला कलेक्टर
महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के कलेक्टर अमोल येगे ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया, ‘हम किसानों के साथ हैं। सरकारी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, सरकारी अधिकारी उनके मुद्दों को जानने और उन्हें सरकारी योजनाओं और लाभों के बारे में सूचित करने के लिए 13-14 सितंबर को उनके साथ एक दिन बिताएंगे।’