बिहार चुनाव परिणाम में एनडीए की बंपर जीत के साथ ही यह सुगबुगाहट भी होने लगी क्या भाजपा जदयू को छोड़ अन्य साझीदार दलों के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने पर विचार कर सकती है क्योंकि इलेक्शन रिजल्ट ने यह संभावना जगा दी है।

भाजपा को 89, लोजपा को 19, हम को 5, रालोम को 4 सीटो पर जीत मिली है। इन चार दलों की कुल सीटें 117 होती हैं। 243 विधान सभा सीटों वाली बिहार विधान सभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों का समर्थन चाहिए। जदयू को इस बार 85 सीटों पर जीत मिली है।

बिहार चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और इंडियन एक्सक्लुसिव पार्टी के भी एक-एक उम्मीदवार चुनाव जीते हैं। पिछले चुनाव में बसपा के टिकट पर जीतने वाले जमा खान चुनाव बाद जदयू में चले गये थे। ऐसे में इस बार भी वैसा कुछ होने की संभावना नकारी नहीं जा सकती।

धर्मेंद्र प्रधान बोले- एनडीए अटूट है

भाजपा के ताजा इतिहास को देखते हुए उसके लिए बहुमत के लिए कम पड़ रहे 5 विधायक जुटाने की क्षमता पर संदेह नहीं किया जा सकता मगर बिहार में भाजपा की शानदार जीत के रणनीतिकार रहे धर्मेंद्र प्रधान ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।

यह भी पढ़ें: बिहार चुनाव: कांग्रेस को अब तक का सबसे बड़ा नुकसान, 61 पर लड़ी लेकिन सिर्फ छह सीटें मिलीं

जनसत्ता के सहयोगी इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने साफ किया कि एनडीए गठबंधन अटूट है और नीतीश कुमार ही गठबंधन के सबसे बड़े नेता हैं।

क्या नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे?

जब लिज मैथ्यू ने उनसे साफ-साफ पूछा कि क्या नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे? इस पर प्रधान ने कहा कि एनडीए की सरकार बनेगी और नीतीश कुमार सबसे बड़े नेता हैं। चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री तय करेंगे कि कौन कौन सा मंत्री बनेगा!

प्रधान से यह भी पूछा गया कि क्या आपको नहीं लगता है कि भाजपा का मुख्यमंत्री बनना चाहिए? प्रधान ने जवाब दिया, “भ्रम नहीं पैदा होना चाहिए। यह साफ है कि यह एनडीए की जीत है। प्रधानमंत्री ने भी साफ किया है कि यह एनडीए की जीत है।”

धर्मेंद्र प्रधान के बयान से संकेत मिलता है कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा यह नीतीश कुमार तय करेंगे। अगर नीतीश कुमार चाहेंगे तो वही सीएम बनेंगे। या फिर उनकी पसन्द का कोई नेता बिहार का सीएम बन सकता है। यहां पढ़िए पूरा इंटरव्यू