भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने उत्तर प्रदेश खनन विभाग की गाड़ियों को जारी होने वाले ट्रांजिट पास में गड़बड़ी का खुलासा किया है। अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कैग ने खुलासा किया है कि 2017 से 2022 के बीच, उत्तर प्रदेश खनन विभाग ने एम्बुलेंस और बुलडोज़र से लेकर दमकल गाड़ियों और शववाहनों तक, हज़ारों अनुपयुक्त’ वाहनों को खनिजों के परिवहन के लिए ट्रांजिट पास जारी किए जिससे खनिजों की अवैध आवाजाही को बढ़ावा मिला। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भूविज्ञान और खनन निदेशक (DGM) इन गतिविधियों की पर्याप्त निगरानी और रोकथाम करने में विफल रहे।
‘उत्तर प्रदेश में खनन और अवैध खनन का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव’ पर CAG की रिपोर्ट 12 अगस्त को उत्तर प्रदेश विधानसभा में पेश की गई। इसमें 2017-18 से 2021-22 तक पांच साल की अवधि शामिल है। अपने ऑडिट के दौरान, कैग अधिकारियों ने 17 जिला खान अधिकारियों (डीएमओ) के ई-एमएम-11 (इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजिट पास) डेटाबेस की जांच की और देखा कि खनिजों का परिवहन उन वाहनों द्वारा किया गया था जो खनिज परिवहन के लिए उपयुक्त नहीं थे। इन 17 जिलों में बागपत, बांदा, बुलन्दशहर, चित्रकूट, फ़तेहपुर, जीबी नगर, हमीरपुर, जेपी नगर, कानपुर देहात, कौशांबी, महोबा, प्रयागराज, सहारनपुर, संभल, शामली, सिद्धार्थनगर और सोनभद्र शामिल थे।
ई-एमएम-11 फॉर्म, रेत, बजरी और पत्थर जैसे खनिजों के परिवहन के लिए भूविज्ञान और खनिकर्म निदेशालय द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी किया जाने वाला एक ट्रांजिट पास है। खनिजों के परिवहन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजिट पास जारी करने की व्यवस्था अगस्त 2017 में शुरू की गई थी।
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कैग ने की यूपी के 17 जिलों के डेटाबेस की जांच
रिपोर्ट में कहा गया है, “लेखापरीक्षा ने 17 जिला खनिज अधिकारियों के ई-एमएम-11 डेटाबेस की जांच की और पाया कि खनिजों का परिवहन ऐसे वाहनों द्वारा किया जा रहा था जो खनिज परिवहन के लिए उपयुक्त नहीं थे। परिवहन विभाग के वाहन डेटाबेस से क्रॉस-सत्यापन से पता चला कि 17 जिलों में खनिजों के परिवहन के लिए एम्बुलेंस, अर्थ मूविंग उपकरण, ई-रिक्शा, मोटर कैब, स्कूटर/मोटरसाइकिल जैसे 83,156 वाहनों का उपयोग करके 1,81,113 ट्रांजिट पास (ई-एमएम-11 फॉर्म) तैयार किए गए थे।”
खनिज परिवहन के लिए ट्रांजिट पास जारी किए गए 83,156 वाहनों की इस सूची में 407 एम्बुलेंस या पशु एम्बुलेंस, 1,621 बुलडोजर या निर्माण उपकरण वाहन या रोड रोलर, 3,625 बसें, 213 कैंपर वैन या ट्रेलर या कृषि ट्रेलर या निजी सेवा वाहन, 226 क्रेन माउंटेड वाहन या फोर्कलिफ्ट, 29,525 ई-रिक्शा या तिपहिया वाहन (यात्री) (3WT), 11 अग्निशमन वाहन, नौ शव वाहन, 34,742 एम-साइकिल या स्कूटर या स्कूटर साइड कार या मोटर चालित साइकिल, 12,763 मोटर कार या मोटर कैब या मैक्सी कैब, और 14 कंप्रेसर या रिग से सुसज्जित वाहन शामिल हैं।
दिन में कई बार खनिजों का परिवहन किया जा रहा
कैग ने पाया कि ये वाहन, जो खनिजों के परिवहन के लिए उपयुक्त नहीं थे, दिन में कई बार खनिजों का परिवहन करते थे जैसे कि एक तिपहिया वाहन 47 बार और एक मोटर कार 122 बार। रिपोर्ट के अनुसार, विभाग ने जुलाई 2023 में अपने जवाब में ऑडिट को स्वीकार किया और कहा कि वह विभागीय पोर्टल पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के VAHAN API का उपयोग कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ई-ट्रांजिट पास केवल परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार पंजीकृत श्रेणी के वाहनों के लिए जारी किया जा सके।
कैग ने रिपोर्ट में फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर वाले वाहनों के इस्तेमाल की ओर इशारा किया। रिपोर्ट के अनुसार, पट्टेदारों ने फर्जी पंजीकरण संख्या वाले 85,928 वाहनों का इस्तेमाल करके 24,51,021 घन मीटर खनिजों के परिवहन के लिए 4,48,637 ई-एमएम-11 फॉर्म तैयार किए जबकि ये नंबर वाहन डेटाबेस पर उपलब्ध नहीं थे। पढ़ें- योगी सरकार के मंत्री ने पीडब्ल्यूडी इंजीनियर की लगा दी क्लास