Excise Policy Case: दो दिन पहले का वाकया है। सीबीआई की तरफ से ऐलान किया गया कि एक्साइज पॉलिसी केस में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी हो गया है। मामले ने तब तूल पकड़ा जब केजरीवाल के डिप्टी सीएम ने सीधे पीएम मोदी पर ही पलटवार कर दिया। दोपहर बीतते बीतते सीबीआई की तरफ से जवाब आया कि लुक आउट अभी जारी नहीं किया गया। मामला प्रोसेस में है। कुछ इसी तरह की कहानी मंगलवार को दिखी। ईडी की तरफ से बताया गया कि मनी लान्ड्रिंग मामले में सिसोदिया पर एफआईआर हो गई है, लेकिन शाम बीतते ही एजेंसी पलट गई।
रविवार सुबह को सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। इसके थोड़ी ही देर बाद मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए इसे झूठी खबर बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशान साधा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “आपकी सारी रेड फेल हो गई, कुछ नहीं मिला, एक पैसे की हेरा फेरी नहीं मिली, अब आपने लुक आउट नोटिस जारी किया है कि मनीष सिसोदिया मिल नहीं रहा। ये क्या नौटंकी है मोदी जी? मैं खुलेआम दिल्ली में घूम रहा हूं, बताइए कहां आना है? आपको मैं मिल नहीं रहा?”
इसके बाद दोपहर होते होते सीबीआई की तरफ से भी कहा गया कि सिसोदिया के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी नहीं किया गया है।
ईडी ने भी किया इन्कार
इसी तरह का मामला मंगलवार को भी सामने आया। ईडी के अधिकारी के हवाले से कहा गया कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। थोड़ी ही देर बाद एजेंसी ने केस दर्ज होने की बात से इन्कार कर दिया। इससे पहले एजेंसी की एडिशनल डायरेक्टर सोनिया नारंग ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate, ED) ने एक्साइज पॉलिसी मामले में सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।
बता दें कि इन दिनों दिल्ली की शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। सीबीआई ने इस मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज किया है, उनके अलावा 14 और लोगों पर भी केस फाइल किया गया था। सीबीआई ने सिसोदिया के घर समेत कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी भी की थी। जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुए हैं उनमें कुछ अधिकारी और शराब व्यापारियों का नाम शामिल है, जबकि कुछ ऐसे लोगों का नाम भी सामने आया है, जो ना तो शराब व्यापारी हैं और ना ही कोई अधिकारी हैं।
एक्साइज पॉलिसी मामले में बीजेपी केजरीवाल पर खासी हमलावर है लेकिन पार्टी कोई भी कदम बेहद सावधानी से उठा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि केजरीवाल ने बीजेपी को सीधे गुजरात में जाकर चुनौती दी है। पीएम मोदी के गढ़ को बीजेपी किसी सूरत में खोना नहीं चाहती। इसी वजह से गुजरात के नेताओं को खास हिदायत दी गई थी कि वो आप का जिक्र करने से बचे। अब लड़ाई और भी आगे बढ़ चुकी है क्योंकि केजरीवाल खुद को पीएम का कैंडिडेट बता चुके हैं। ऐसे में मनीष सिसौदिया के मामले में बीजेपी बचकर चल रही है। यही वजह है कि एजेंसियों ने दो दिन में दो बार यू टर्न लिया। बीजेपी कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहती जो केजरीवाल को पीड़ित की कैटेगरी में डाल दे और वो उसके सहारे अपनी राजनीति चमकाने में लग जाए।