स्थानीय आतंकवादियों को ‘‘भूमिपुत्र’’ करार देते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि उन्हें बचाने का प्रयास किया जाना चाहिए। महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ‘‘बंदूक संस्कृति’’ खत्म करने के लिए केंद्र को आतंकवादी नेतृत्व से वार्ता करनी चाहिए।
पार्टी के एक कार्यक्रम के बाद अनंतनाग में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस समय, पाकिस्तान और अलगाववादियों के साथ वार्ता होनी चाहिए। इसी तरह आतंकवादियों के नेतृत्व से भी वार्ता की जानी चाहिए क्योंकि उनके पास बंदूक है और केवल वहीं बंदूक की संस्कृति को खत्म कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि कहीं न कहीं हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ ही आतंकवादियों से भी वार्ता करनी होगी।’’ बहरहाल, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ‘‘बहुत जल्दबाजी होगी (आतंकवादियों के साथ वार्ता करना)।’’ महबूबा ने कहा कि स्थानीय आतंकवादियों को हिंसा के रास्ते पर चलने से रोका जाना चाहिए।

वहीं, दूसरी ओर राज भवन और हुर्रियत कान्फ्रेंस के बीच संवाद शुरू करने के प्रयास में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को अलगाववादी नेताओं के लिए अपने संदेश में कहा कि आम जनता के साथ ज्यादती एवं अन्याय के मामलों की जानकारी सीधे उन्हें दी जाए। मलिक ने इस तरह की पेशकश रखते हुए अपील की कि हुर्रियत कान्फ्रेंस के नेताओं को उन्हें पराया नहीं समझना चाहिए।

राज्यपाल मलिक ने पीटीआई को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘हुर्रियत के लिए मेरा संदेश है कि उन्हें मुझे पराया नहीं समझना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक हुर्रियत की बात है तो मेरे मन में उनके प्रति सम्मान है। हालांकि उनकी विचारधारा मुझसे अलग है। उनके विचार अलग हैं और मेरे अलग।’’ हुर्रियत नेताओं की शिकायतों पर आवश्यक विचार करने का अनुरोध करते हुए राज्यपाल ने कहा, ‘‘अगर उन्हें लगता है कि कहीं ज्यादती हुई है तो वे फोन पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं या मेरे पास कोई प्रतिनिधि भेज सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं अन्य लोगों की तरह ही उन्हें देखूंगा।’’ मलिक ने कहा कि उन्होंने सभी के लिए राजभवन को खोल दिया है।

हुर्रियत नेताओं और राजभवन के बीच संवाद शुरू करने के मकसद से अब तक के पहले बयान में मलिक ने उम्मीद जताई कि किसी स्तर पर, उनके साथ भी बातचीत होगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्य के आम लोगों समेत सभी के फोन कॉल लेता हूं। मेरे मोबाइल और व्हाट्सएप कभी बंद नहीं रहते। मेरे पास व्हाट्सएप पर आई सभी शिकायतों का मैंने समाधान निकालने का प्रयास किया है।’’ राज्यपाल ने साक्षात्कार के दौरान भी आम लोगों के कुछ फोन कॉल पर उनसे बातचीत की।