भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने दलगत राजनीति में लौटने का ऐलान किया है। सिन्हा ने कहा कि वह बिहार में एनडीए सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जल्द ही अपनी पार्टी का ऐलान करेंगे, जो इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी। देश के पूर्व वित्त मंत्री सिन्हा ने यह ऐलान पटना में राष्ट्र मंच नाम के संगठन की बैठक में किया। उन्होंने कहा कि एनडीए को हराकर वे एक ‘बेहतर बिहार’ बनाना चाहते हैं।
यशवंत सिन्हा का यह फैसला काफी चौंकाने वाला है, क्योंकि दो साल पहले ही उन्होंने दलगत राजनीति से संन्यास के ऐलान के साथ लोकतंत्र बचाने के काम शुरू करने का आह्वान किया था। इसी दौरान उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दिया था।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्रालय संभालने वाले यशवंत सिन्हा नरेंद्र मोदी सरकार के मुखर विरोधी रहे हैं। खासकर केंद्र सरकार की नीतियों और काम करने की शैली पर सिन्हा ने कई बार निशाना साधा है। उन्होंने नए फ्रंट के ऐलान के साथ कहा कि हम उन सभी का स्वागत करेंगे, जो हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं। अपने इस बयान के जरिए उन्होंने बिहार में महागठबंधन के साथियों से जुड़ने का दरवाजा खुला रखा है।
कई नेताओं के पार्टी से संपर्क में होने का दावा
यशवंत सिन्हा ने अभी अपनी नई पार्टी के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि बिहार के कई नेता उनसे संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही पार्टी पर आगे का फैसला होगा और इसके नाम का ऐलान किया जाएगा। हालांकि, खुद चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने बचते हुए कहा कि जब जरूरत होगी, तब इस बारे में भी सोचा जाएगा।
15 साल में भी बिहार में जरूरी बदलाव नहीं ला पाई नीतीश सरकार
बिहार की एनडीए सरकार को घेरते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, “बिहार की नीतीश कुमार की सरकार ने 15 साल में भी कुछ खास विकास नहीं किया है। जब तक मौजूदा शासन को राज्य से हटाया नहीं जाता, तब तक बिहार का बेहतर काम करना मुश्किल होगा। इसलिए बिहार सरकार को उखाड़ फेंकना बिहार को बेहतर बनाने के काम में पहला कदम है।”

