उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जिले इटावा के लॉयन सफारी पार्क के बीमार शेर-शेरनियों को बचाने की दिशा में ब्रिटेन के विशेषज्ञों की राय शुमारी से उनका उपचार किया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि देश के पशु चिकित्सक विशेषज्ञों के नाकाम रहने के बाद ब्रिटेन की लौंटलीट सफारी के विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। इटावा की सफारी में जिन तीन शेर-शेरनियो की मौत हुई है। वो तीनों ‘लक्ष्मी’, ‘विष्णु’ और ‘तपस्या’ सफारी लाते वक्त वन वाहनों में ही बुरी तरह से घायल हो गए थे। इसके बाद उनमें संक्रमण फैल गया। फिर तीनों धीरे-धीरे मौत के मुंह मे समा गए। दरअसल जिन पांच शावकों की मौत हुई है, उनमें से किसी ने भी जन्म के बाद आंख भी नहीं खोली थी।

28 दिसंबर को गुजरात से लाई गई शेरनी ‘जेसिका’ ने सोमवार और मंगलवार को कुछ नहीं खाया। इसलिए उसे खाली पेट दवा देने में भी दिक्क्त आ रही हैं। सात साल की ‘जेसिका’ और उसके साथ ही लाए गए करीब तीन साल के दूसरे शेर ‘पटौदी’ के खून की जांच की गई जिसमें संक्रमण की शिकायत मिली है। गुजरात के जूनागढ़ चिड़ियाघर से दो शेरनियां और एक शेर लॉयन सफारी पार्क में लाए गए थे। इनमें से एक शेरनी ‘तपस्या’ की 9 जनवरी को मौत हो गई जबकि बाकी दोनों भी बीमार चल रहे हैं।

इन दोनों को भी बैबेसिया नाम के ब्लड प्रोटोजोआ से संक्रमण होना बताया गया है। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, ‘जेसिका’ ने खाना छोड़ दिया है। उसके बाड़े के आसपास तरह-तरह का मीट रखा गया लेकिन इसमें उसने कोई रुचि नहीं दिखाई। खाना न खाने के चलते उसे पूरी दवा भी नहीं दे पा रहे हैं। अलबत्ता संक्रमण के बावजूद ‘पटौदी’ की हालत में सुधार है। बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) के वैज्ञानिकों के सुझावों के आधार पर दोनों बब्बर शेरों का इलाज चल रहा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय मथुरा के विशेषज्ञ और कानपुर प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सक मौके पर इलाज कर रहे हैं। दोनों शेरों पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है। ग्रेट ब्रिटेन के लौंगलीट सफारी से भी मेडिकल सलाह ली गई है।

प्रमुख सचिव वन संजीव सरन ने खुद मौके पर जाकर इलाज की व्यवस्था देखी। वन विभाग के कई अन्य अधिकारी भी लॉयन सफारी पार्क में मौजूद हैं। प्रमुख सचिव वन संजीव सरन ने बताया कि लॉयन सफारी में लाए गए किसी भी शेर को गुजरात वापस भेजने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि ‘जेसिका’ ने दो दिन से कुछ नहीं खाया है। ‘पटौदी’ की हालत उन्होंने थोड़ी बेहतर बताई। प्रदेश के वन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव ने बताया कि लॉयन सफारी में शेरनी तपस्या की मौत पर प्रदेश सरकार ने जांच बैठा दी है। इस मामले में जो भी दोषी लोग होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह गंभीर मामला है और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट है।

सरकार का उद्देश्य है कि लॉयन सफारी प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश का देश में नाम रोशन करे और आगरा आने वाले पर्यटक यहां पर आएं। जांच कमेटी की रिपोर्ट जल्द ही मंगाई जाएगी और उसके बाद मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी। देखरेख में कहां चूक हुई, इसको भी देखा जाएगा। अगर गुजरात से बीमार शेर दिए गए हैं तो इसकी भी जांच होगी और कार्रवाई के लिए गुजरात सरकार को लिखा जाएगा। लॉयन सफारी को चालू करने के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शेरों के बच्चों का इंतजार किया जा रहा है। अभी फिलहाल सफारी में चार जोड़े शेरों के हैं जिनकी ब्रीडिंग का कार्य जल्दी शुरू होना है। शेरों के बच्चे आते ही इसी वर्ष में लॉयन सफारी को चालू कर दिया जाएगा। सफारी को खूबसूरत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। इसमें चाहे कितनी भी बाधाएं क्यों न आएं।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट लॉयन सफारी में शेरनी ‘तपस्या’ की मौत बबेसिया नामक बीमारी से हुई है। यह रिपोर्ट इंडियन बेटनरी इंस्टीट्यूट बरेली की जांच में आई है। इंस्टीट्यूट के डाक्टर एएम पावड़े डा. एम. करीकलन व डा. महेंद्रम ने जांच कर यह रिपोर्ट लॉयन सफारी प्रशासन को सौंपी है।