गृह मंत्रालय एस्सार समूह द्वारा कुछ शीर्ष उद्योगपतियों और राजनेताओं की टेलीफोन बातचीत कथित रूप से टैप कराए जाने के मुद्दे पर जांच का आदेश देने से पहले इस पर कानूनी राय लेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने वकील सुरेन उप्पल की शिकायत गृह मंत्रालय को भेजी है जिसमें आरोप लगाया गया है कि एस्सार समूह ने इसके पूर्व सुरक्षा प्रमुख अल्बासित खान को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान अपने कारोबारी प्रतिद्वंद्वियों की टेलीफोन बातचीत को टैप करने का आदेश दिया था।

अधिकारी ने कहा कि कुछ मुद्दों पर स्थिति साफ करने की जरूरत है मसलन क्या अवैध टेलीफोन टैपिंग पर कुछ कार्रवाई हो, क्या भारतीय टेलीग्राफ कानून का कोई उल्लंघन किया गया और क्या किसी को भी, जिसका फोन टैप किया गया था, शिकायत दाखिल करनी होगी या क्या सरकार को स्वत: संज्ञान लेकर जांच का आदेश देना होगा।

सूत्रों ने कहा कि इन सभी मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए गृह मंत्रालय कानूनी राय लेगा। भविष्य की कार्रवाई तय करने के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा की जाएगी। सोमवार को पीएमओ से शिकायत मिली जिसमें फरियादी ने मुकेश और अनिल अंबानी की दो कंपनियों के निदेशकों-प्रमोटरों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कथित बातचीत का ब्योरा शामिल किया है। इसमें वो बातचीत भी शामिल है जो दिखाती है कि कारोबारी प्रतिद्वंद्वी राजनेताओं से किस तरह अपने पक्ष में समर्थन के लिए संपर्क करते हैं।

शिकायत में वाजपेयी के समय प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा और तत्कालीन प्रधानमंत्री के दामाद रंजन भट्टाचार्य की कथित बातचीत का भी उल्लेख है। जिन अधिकारियों के फोन कथित तौर पर टैप कराए गए, उनमें वर्तमान गृह सचिव राजीव महर्षि का नाम भी आया है जो उस समय कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में पदस्थ थे। एस्सार ने किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है।