पंजाब सरकार ने उपायुक्तों और जिला पुलिस प्रमुखों को पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के दौरान भाजपा नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। गौरतलब है कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बीते शनिवार को भाजपा के विधायक पर कथित रूप से हमला किया था। राज्य के गृह विभाग के आदेश के मुताबिक जब भी जरूरत पड़े तो भारतीय रिजर्व बटालियन, पंजाब सशस्त्र पुलिस के अतिरिक्त कर्मियों और कमांडो की मांग की जा सकती है।

मुक्तसर के मलोट में शनिवार को फजिल्का जिले के अबोहर से भाजपा विधायक अरुण नारंग पर प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने कथित रूप से हमला कर दिया था तथा उनके कपड़े फाड़ दिए थे। भाजपा नेता एक प्रेस वार्ता को संबोधित करने के लिए मलोट गए थे। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) द्वारा रविवार को जारी आदेश के मुताबिक, “सभी डीसी (उपायुक्त) और एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) को व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करने का निर्देशित किया जाता है कि भविष्य में ऐसी घटना राज्य में कहीं भी नहीं होने दिया जाए।”

आदेश में सभी डीसी, एसएसपी और पुलिस आयुक्तों से कहा गया है कि उनके जिले में भाजपा का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम होने पर वे लोक व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखना सुनिश्चित करें एवं भाजपा नेताओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। मुक्तसर में नारंग पर हमले के बाद भाजपा ने राज्य में कई स्थानों पर प्रदर्शन किया है। पंजाब के कई भाजपा नेताओं ने रविवार को यहां मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सरकारी आवास के बाहर धरना दिया था।

पंजाब के राज्यपाल वी पी सिंह बदनोर ने भी नारंग पर हमले की निंदा की थी और राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। पंजाब में भाजपा के नेता तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों के गुस्से का सामना कर रहे हैं।