उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को अगले महीने से बिजली का बढ़ा हुआ बिल देना पड़ सकता है। राज्य विद्युत नियामक आयोग अगस्त के पहले हफ्ते में 2019-20 के लिए नए बिजली टैरिफ का ऐलान कर सकता है। राज्य विद्युत नियामक आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, बिजली दर प्रस्ताव पर जल्द ही सुनवाई होगी, जिसके बाद एक हफ्ते के अंदर नई दरों का ऐलान हो जाएगा। नए टैरिफ में बिजली की दरें बिजली कंपनियों द्वारा प्रस्तावित दरों के आसपास ही होगी। माना जा रहा है कि बिजली बिल की दरों में औसतन 15 से 18 प्रतिशत तक इजाफा हो सकता है। नई दरों में उपभोक्ताओं से वसूले जाने वाले फिक्स चार्ज को भी बढ़ाया जा सकता है।

जानें किस-किस का बिजली बिल बढ़ेगा? : पावर कॉरपोरेशन ने बिजली दर बढ़ोतरी का जो प्रस्ताव दिया है, उसमें शहरी मीटर्ड उपभोक्ताओं के साथ-साथ, ग्रामीण किसानों की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है। घरेलू शहरी उपभोक्ताओं का फिक्स चार्ज 100 रुपये प्रति किलोवॉट से बढ़ाकर 110 रुपए प्रति किलोवॉट करने का प्रस्ताव दिया गया है। वहीं, बीपीएल घरेलू उपभोक्ताओं से प्रति किलोवॉट 50 रुपए फिक्स्ड चार्ज लिया जाता था। उसे बढ़ाकर 75 रुपये प्रति किलोवॉट करने का प्रस्ताव दिया गया है। अनमीटर्ड किसानों को 150 रुपए प्रति बीएचपी हर महीने देना पड़ता है। उसे बढ़ाकर 170 रुपए प्रति बीएचपी करने का प्रस्ताव है।

National Hindi News, 15 July 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक

17 जुलाई से दरें बढ़ाने पर होगी सुनवाई: बिजली दर बढ़ोतरी प्रस्ताव पर सुनवाई के लिए आयोग ने तारीख का ऐलान कर दिया है। 17 जुलाई को कानपुर और 18 जुलाई को लखनऊ में जनसुनवाई होगी। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आगरा में 25 जुलाई में जन सुनवाई होगी। 26 जुलाई को नोएडा और 31 जुलाई को वाराणसी में जनसुनवाई करने की तारीख नियामक आयोग ने रखी है।

Bihar News Today, 15 July 2019: बिहार की बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

बिल जमा करने पर मिलेगी छूट?: नए टैरिफ में बिजली उपभोक्ताओं का बिल तो बढ़ेगा, लेकिन उन्हें बिजली बिल में लगने वाले रेग्युलेटरी सरचार्ज से राहत मिल सकती है। आयोग रेग्युलेटरी सरचार्ज की व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर सकता है। इसके अलावा टैरिफ में समय पर बिजली बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं को मिलने वाली छूट को भी बढ़ाया जा सकता है। यह छूट 5 प्रतिशत तक की हो सकती है। वहीं उद्योगों का बिल समय पर जमा करने वाले उपभोक्ताओं को 2.5 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया जा सकता है।