भारत सरकार EV पर खासतौर पर फोकस कर रही है। इसी कड़ी में चंडीगढ़ UT में आने वाली 6 और 7 जुलाई से फ्यूल बेस्ड टू व्हिलर्स पर बैन लग जाएगा। शहर में अब सिर्फ फ्यूल बेस्ड टू व्हिलर्स के रजिस्ट्रशन के लिए 702 स्लॉट्स खाली हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि सभी लोगों को प्रशासन का यह फैसला रास आ रहा है। शहर के मेयर और बीजेपी के नेता अनुप गुप्ता द्वारा विरोध प्रदर्शन की चेतावनी के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने सोमवार को अपनी EV पॉलिसी पर चर्चा के लिए मीटिंग बुलाई है। अनुप गुप्ता का कहना है कि शहर में नॉन EVs को अनुमति नहीं दी जाएगी।
सोमवार को होने वाली मीटिंग के लिए भेजे गए एक लेटर में CREST के सीईओ अरुलराजन पी में कहा गया है कि EV पॉलिसी 20222 को लेकर मिड टर्म रिव्यू मीटिंग सोमवार को सुबह 10.30 बजे नए सचिवालय भवन में UT सलाहकार की अध्यक्षता में होगी। यह लेटर मेयर, होम सेक्रेटरी, फाइनेंस सेक्रेटरी, कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर और ट्रांसपोर्ट डायरेक्टर सहित कई लोगों को भेजा जाएगा।
हालांकि चंडीगढ़ प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कहा कि सोमवार को होनी वाली रिव्यू मीटिंग पॉलिसी की एक मिड टर्म रिव्यू मीटिंग है और इसका मेयर की धमकी से कोई लेना देना नहीं है। आपको बता दें कि चंडीगढ़ प्रशासन ने खुद को एक मॉडल EV शहर और सबसे ज्यादा EV डेंसिटी वाला शहर घोषित करने के लिए सितंबर 2022 में अपनी EV पॉलिसी शुरू की, इसके अनुसार हर साल फ्यूल बेस्ड वाहनों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा। अगले साल से फ्यूल बेस्ड टू व्हिलर्स का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से बैन कर दिया जाएगा और चार पहिया वाले फ्यूल बेस्ड वाहनों की संख्या भी धीरे-धीरे कम की जाएगी।
EV पॉलिसी के अनुसार, हर साल के लिए ऐसे टारगेट्स रखे गए हैं जो प्राप्त किए जा सकें। वर्तमान वित्त वर्ष 2023-24 के लिए फ्यूल बेस्ड टू व्हिलर्स में 70 फीसदी कमी (6202 नए रजिस्ट्रेशन की अनुमति) और फ्यूल बेस्ड फोर व्हिलर्स में 20 फीसदी की कमी (22,626 नए रजिस्ट्रेशन की अनुमति) दी जाएगी।
रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसिंग अथॉरिटी की डिटेल्स के अनुसार, एक अप्रैल से अब तक 5500 टू व्हिलर्स का रजिस्ट्रेशन हो चुका है और अब सिर्फ 702 ही बचे हैं। अगले साल से चंडीगढ़ में किसी भी फ्यूल-बेस्ड टू व्हिलर का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकेगा। यह कदम शहर में EV को बढ़ावा देने की कोशिश के तहत लिया जा रहा है।
प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स ऑफ चंडीगढ़ लगातार प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने इस संदर्भ में चंडीगढ़ के बीजेपी प्रेजिडेंट अरुण सूद से मुलाकात भी की है। संस्था ने सूद से कहा कि बिना उचित तैयारी के प्रतिबंध की घोषणा की गई है। जब अन्य राज्यों से फ्यल बेस्ड वाहनों का प्रवेश जारी रहेगा तो चंडीगढ़ कार्बन-न्यूट्रल शहर कैसे बन सकता है?
फेडरेशन की मांग पर बीजेपी नेता अरुण सूद का कहना है कि उन्होंने इस मामले को दिल्ली में बीजेपी हाई कमान के सामने उठाया है। कुछ दिन पहले मेयर अनूप गुप्ता ने फ्यूल बेस्ड टू व्हिलर्स पर बैन लागू होने की दिशा में बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन करने और किसी भी गैर-EV वाहन को शहर गुजरने की अनुमति नहीं देने की बात कही थी।