उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में शहरी परिवहन को स्वच्छ, सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम के तहत सूबे के दो प्रमुख नगर निगमों कानपुर और लखनऊ में निजी ऑपरेटर और संगठनों के जरिये इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करेगी।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इन बसों का संचालन ‘नेट कॉन्ट्रैक्ट मोड’ के तहत किया जाएगा, जिससे नागरिकों को किफायती, विश्वसनीय और आरामदायक सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं मिलेंगी।

इस परियोजना के तहत, कानपुर और लखनऊ में 10-10 मार्गों पर इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति, संचालन और रखरखाव के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। हर मार्ग पर कम से कम 10 इलेक्ट्रिक बस चलायी जाएंगी।

यह भी पढ़ें: भारत के ये 10 राज्य इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ खरीदने में सबसे आगे, नीति आयोग ने EV इंडस्ट्री पर रिपोर्ट जारी की

बयान के मुताबिक ऑपरेटर एक या एक से अधिक मार्गों के लिए बोली लगा सकते हैं। हालांकि दो ऑपरेटर को एक ही मार्ग पर संचालन की अनुमति नहीं होगी।

कानपुर और लखनऊ तक ही सीमित होगा संचालन क्षेत्र

बयान के अनुसार, इन बसों का संचालन क्षेत्र कानपुर और लखनऊ तक ही सीमित होगा। बस डिपो स्थल नगर निगम/नगर परिवहन प्राधिकरण द्वारा आवंटित किए जाएंगे जबकि चार्जिंग स्टेशन और मीटरिंग सुविधाएं प्राधिकरण द्वारा ही उपलब्ध कराई जाएंगी।

पूरी बोली प्रक्रिया ई-टेंडरिंग के माध्यम से पूरी की जाएगी। बोली लगाने की अंतिम तिथि 30 सितंबर है। उत्तर प्रदेश के शहरी परिवहन निदेशालय की यह पहल न केवल सार्वजनिक आवागमन को और अधिक सुविधाजनक बनाएगी बल्कि पूरे राज्य में प्रदूषण मुक्त परिवहन को भी बढ़ावा देगी।

यह भी पढ़ें: नमो भारत ट्रेन से उतरते ही यात्रियों को मिलेगी एसी बस की सुविधा, कम किराए में कर सकेंगे सफर