चुनाव आयोग से पहले ही कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तिथियां सार्वजनिक करने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। आयोग ने इस मामले में भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ जांच न करने का फैसला किया है। इस विवाद में सिर्फ कर्नाटक के कांग्रेस नेता श्रीवत्स बी. के खिलाफ ही छानबीन की जाएगी। ‘एनडीटीवी’ की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग की ओर से जारी आदेश में सिर्फ कांग्रेस नेता का ही नाम है। अयोग के मुताबिक, भाजपा ने डेट लीक मामले में स्पष्टीकरण दे दिया है। चुनाव कराने वाली शीर्ष संस्था ने बताया कि अमित मालवीय से पूछताछ करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्होंने आयोग को पत्र लिखकर ट्वीट के स्रोत के बारे में जानकारी दे दी है। आयोग ने भाजपा आईटी सेल के प्रमुख के पत्र को उनके जवाब के तौर पर लिया है।
आयोग ने बताया कि भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल 27 मार्च को मालवीय के पत्र के साथ निर्वाचन भवन में चुनाव आयुक्तों से मुलाकात कर स्थिति स्पष्ट कर दी थी। साथ ही इससे जुड़े सभी तथ्य भी साझा किए थे। बता दें कि 27 मार्च को चुनाव आयोग द्वारा कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा करने से पहले ही अमित मालवीय ने ट्वीट कर चुनाव और मतगणना की तिथि सार्वजनिक कर दी थी। हालांकि, भाजपा नेता ने मतगणना की तिथि गलत बताई थी। उनके साथ ही कर्नाटक कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल के प्रमुख श्रीवत्स ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दे दी थी। आयोग ने तिथियों के बारे में बाद में घोषणा की थी। बता दें कि कर्नाटक में 12 मई को चुनाव होंगे, जबकि मतगणना 15 मई को होगी।
चुनाव आयोग पर हमलावर हुई कांग्रेस: अमित मालवीय के खिलाफ जांच न करने के चुनाव आयोग के निर्णय का कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है। विपक्षी पार्टी ने जांच को मजाक करार दिया है। कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख राम्या ने चुनाव आयोग को संबोधित करते हुए ट्वीट किया, ‘चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर कोई आंच न आए इसको सुनिश्चित करने के लिए हमलोग किसी भी तरह की जांच का स्वागत करते हैं। लेकिन, यह बेहद चौंकाने वाला है कि जांच शुरू होने से पहले ही भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख को दोषमुक्त कर दिया गया। निश्चित तौर पर इससे आपकी (चुनाव आयोग) छवि और रुतबे को ही नुकसान पहुंचेगा।’ आम आदमी पार्टी के नागेंद्र शर्मा ने आयोग की ओर से शुरू जांच को मजाक करार दिया है।
Name of BJP IT cell chief Amit Malviya does not figure in EC inquiry order on how Karnataka election dates were leaked. EC order below has absolved him even before any probe & EC so-called inquiry is merely a joke : pic.twitter.com/caqCZz8kXG
— Nagendar Sharma (@sharmanagendar) March 28, 2018
आयोग ने जांच के लिए बनाई छह सदस्यीय समिति: चुनाव आयोग ने डेट लीक मामले की जांच के लिए छह समिति गठित की है। आयोग ने एक आदेश जारी कर समिति को श्रीवत्स के ट्वीट के स्रोत की जांच करने को कहा है। वहीं, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्होंने स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के आधार पर ट्वीट किया है। बता दें कि देश में चुनाव की तिथियां तय करने का अधिकार चुनाव आयोग को है। लेकिन, इस मामले में भाजपा के अमित मालवीय और कांग्रेस के श्रीवत्स बी. ने आयोग की ओर से औपचारिक घोषणा से पहले ही मतदान और मतगणना की तिथियों के बारे में जानकारी दे दी थी।