Maharashtra-Karnataka Border Dispute : महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य विधानसभा में महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर प्रस्ताव पेश कर दिया है। इस प्रस्ताव का सदन में सभी पार्टियों ने एकमत से समर्थन किया। प्रस्ताव में कहा गया कि केंद्र सरकार को कर्नाटक सरकार से निवेदन करना चाहिए कि वो केंद्रीय गृह मंत्री के साथ हुई मीटिंग में लिए गए फैसले लागू करे। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि सीमा पर रह रहे मराठी लोगों की सुरक्षा की गारंटी पर भी सरकार को देनी चाहिए।
इससे पहले मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा था कि मुझे उम्मीद है कि प्रस्ताव बहुमत से पारित हो जाएगा। दूसरी तरफ विपक्ष के नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) ने बयान दिया था कि हम अपना पक्ष रखेंगे और दिखाएंगे कि हम सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के साथ खड़े हैं। अजीत पवार ने आगे कहा कि यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि क्या केंद्र सरकार इन विवादित क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग का समर्थन करेगी क्योंकि मामला फिलहाल अदालत में है।
Uddhav Thackeray की मांग पर क्या बोले Devendra Fadnavis
शिवसेना (Shivsena) नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने मांग की थी कि केंद्र विवादित सीमा क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करे। पूर्व सीएम और उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि मुझे आश्चर्य हुआ कि कल जो लोग बोले उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए ढाई साल राज्य के लिए कुछ नहीं किया।
हमारी सरकार इस विवाद के लिए जिम्मेदार नहीं है। जिम्मेदार पहले की सरकार है। यह विवाद हमारी सरकार में शुरू नहीं हुआ है बल्कि इसकी शुरुआत महाराष्ट्र के गठन और प्रांतों के भाषा-वार से हुई थी। यह वर्षों से चल रहा है। तब से वर्षों तक जिनकी सरकारें हैं वे दिखा रहे हैं कि हमारी सरकार आने के बाद सीमा विवाद शुरू हुआ।
देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने आगे कहा कि हमने इस मुद्दे पर कभी राजनीति नहीं की और हम उम्मीद करते हैं कि कोई भी इस पर राजनीति नहीं करेगा। सीमावर्ती इलाकों के लोगों को यह महसूस करना चाहिए कि पूरा महाराष्ट्र उनके साथ है।
Uddhav Thackeray ने क्या कहा था
सोमवार को राज्य विधान परिषद में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा था यह सिर्फ भाषा और सीमा का मामला नहीं है बल्कि मानवता का मामला है। सीमावर्ती गांवों में रहने वाले मराठी लोगों के साथ अन्याय हुआ है। मराठी भाषी लोग पीढ़ियों से सीमावर्ती गांवों में रह रहे हैं। उनका दैनिक जीवन, भाषा और जीवन शैली मराठी है, वे कन्नड़ नहीं समझते हैं। उद्धव ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह इस मामले पर शांत हैं।
