Punjab News: पंजाब के मोगा जिले के रहने वाले बूटा सिंह स्टडी वीजा पर रूस गया था। इसके एक साल बाद वीडियो में वह कथित तौर पर रूसी सेना की वर्दी पहने हुए नजर आया और वह भारत सरकार से उन्हें वहां से निकालने की अपील कर रहे हैं। बूटा महज 3.50 लाख रुपये का भुगतान करके एक एजेंट के जरिये रूस गया था।

बूटा सिंह के परिवार ने कहा कि वह नौकरी की तलाश के लिए गया था, लेकिन उन्हें यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में सेवा देने के लिए रूसी सेना में जबरन भर्ती कर लिया गया। उनकी तरह, पंजाब के कई युवा स्टडी वीजा पर विदेश जाते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य छोटी-मोटी नौकरियां ढूंढना होता है, ताकि वे अपने परिवारों की मदद के लिए पैसे भेज सकें।

एजेंट के जरिये रूस गया था बूटा सिंह

उनकी बहन करमजीत कौर ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि उनका भाई पिछले साल 24 अक्टूबर को दिल्ली में मौजूद एक एजेंट के माध्यम से रूस गया था। इससे उसने यूट्यूब के माध्यम से संपर्क किया था। करमजीत ने कहा, “हमें हाल ही में पता चला कि उसे जबरदस्ती युद्ध के मैदान में ले जाया गया है और रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया है। उसे कोई हथियार चलाना भी नहीं आता। वह मौत के कगार पर है। हम केंद्र और पंजाब सरकार से उसे वापस लाने की अपील करते हैं।”

कथित वीडियो में बूटा हरियाणा और जम्मू -कश्मीर के चार अन्य लोगों के साथ दिखाई दे रहा है। उनमें से एक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “हम मॉस्को आए थे। हम एक महिला के संपर्क में थे जिसने दावा किया था कि कंप्यूटर ऑपरेटर, ड्राइवर जैसी नौकरियों के लिए भर्तियां हैं। हमें केवल इन्हीं नौकरियों में रुचि थी। हमें अच्छी तनख्वाह का लालच दिया गया था।”

उस आदमी ने आगे कहा, “हम कुल 25 आदमी थे। उन्होंने हमसे एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करवाए, लेकिन हमें नहीं पता कि उसमें क्या लिखा था। फिर उन्होंने हमें एक आर्मी ट्रेनिंग सेंटर भेजा और हमें बंदूकें थमा दीं। हमने बार-बार मना किया, यह कहते हुए कि हम बंदूकें नहीं चला सकते, लेकिन उन्होंने कहा, ‘या तो दुश्मन को मार दो, नहीं तो हम तुम्हें मार देंगे।’ अब हमें यूक्रेनी सीमा पर लाया गया है। जो लोग यहां से युद्ध के मैदान के लिए निकलते हैं, या तो लापता हो जाते हैं या वापस नहीं आते।”

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हमारे साथ धोखा हुआ है

उन्होंने कहा , “हम पंजाब सरकार और बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि कृपया हमें यहां से निकाल दें। एजेंट ने हमसे झूठ बोला और हमें यहां लाया। यह हमारा आखिरी वीडियो हो सकता है। हम खतरे में हैं।” एक अन्य वीडियो में बूटा सिंह को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “हमें कभी नहीं पता था कि हमें सेना में भर्ती किया जाएगा। हमारे साथ धोखा हुआ है। हमें दूसरी नौकरियों का वादा किया गया था।”

करमजीत ने बताया कि परिवार को आखिरी बार 11 सितंबर को बूटा का व्हाट्सएप पर एक वॉइस मैसेज मिला था। उन्होंने कहा, “उसके फोन का इंटरनेट काम नहीं कर रहा है और हमें नहीं पता कि वह अभी किस स्थिति में है। वॉइस नोट में, वह ठीक होने का दावा कर रहा है, लेकिन हम जानते हैं कि वह हमें सिर्फ झूठे आश्वासन दे रहा है। वह सिर्फ हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए रूस गया था।”

रूस जाने से पहले बूटा ने सिंगापुर में एक निजी फर्म में लगभग चार साल तक काम किया। एजेंट को पैसे देने के लिए परिवार ने अपनी दो एकड़ जमीन बेच दी थी। करमजीत ने बताया, “पहले तो हमने एजेंट को पैसे देने के लिए अपनी जमीन बेच दी और अब बाढ़ में, धान उगाने के लिए ठेके पर ली गई दो एकड़ जमीन भी बह गई है।” बूटा के पिता राम सिंह दिहाड़ी मजदूर हैं, जबकि मां परमजीत कौर परिवार चलाने के लिए पशुपालन करती हैं।

बूटा सिंह की मां ने की अपील

बूटा सिंह की मां परमजीत ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा, “अब हमें पता चला है कि रूसी सरकार ने मेरे बेटे को जबरन अपनी सेना में भर्ती कर लिया है और उसे मौत के मुंह में धकेल दिया है। वह मेरा इकलौता बेटा है। वह इस समय डर और मौत के साये में जी रहा है और उसे किसी भी तरह की ट्रेनिंग नहीं दी गई है। न ही मेरे बेटे को किसी भी तरह का हथियार चलाना आता है। हमें पता चला है कि 15 अन्य पंजाबियों को भी सेना में जबरन भर्ती किया गया है और उनमें से चार-पांच की मौत हो गई है।”

करमजीत ने आगे कहा, “हमें नहीं पता कि एजेंट ने उसे रूस वैध रूप से भेजा था या अवैध रूप से, लेकिन अब वह गंभीर संकट में है। उसने हमें कभी नहीं बताया कि वह रूसी सेना में भर्ती हो गया है। हमें वायरल हुए वीडियो से ही पता चला। हम पर छह लाख रुपये का कर्ज भी है।”

विदेश मंत्रालय ने उठाया मुद्दा

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि कई भारतीयों को एजेंटों ने झूठे वादे करके गुमराह किया है। उन्हें युद्ध के मैदान में तैनात किया गया है। मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में शामिल होने के प्रस्तावों से दूर रहने की बार-बार चेतावनी जारी की है। विदेश मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की है कि यह मुद्दा रूसी अधिकारियों के सामने उठाया गया है।

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