इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 2021 लखीमपुर हिंसा मामले में आठ और आरोपियों को 20 मार्च तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। इसके साथ ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी (Union home minister for state Ajay Mishra alias Teni) के बेटे आशीष मिश्रा सहित मामले के सभी 13 आरोपी अब जमानत पर हैं। आशीष मिश्रा को जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के 25 जनवरी के आदेश पर विचार करते हुए लखनऊ की एक बेंच ने मंगलवार को यह आदेश पारित किया।
न्यायमूर्ति राजेश कुमार सिंह चौहान की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तिथि 20 मार्च निर्धारित की है। अंतरिम जमानत पाने वालों में अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ उर्फ काले, सत्यम त्रिपाठी उर्फ सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, आशीष पांडे, रिंकू राणा और सुमित जायसवाल शामिल हैं।
बेंच ने सभी आरोपियों पर वही शर्तें लगाईं जो आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को जमानत देने के आदेश में थीं। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को आठ सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देते हुए उन्हें जेल से रिहा होने के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान आशीष उत्तर प्रदेश या दिल्ली में नहीं रहेंगे।
आदेश में कहा गया कि आशीष मिश्रा, उनके परिवार या समर्थकों द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गवाहों को प्रभावित करने या धमकाने का कोई भी प्रयास किया गया तो अंतरिम जमानत रद्द हो जाएगी। 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी जिले (Lakhimpur Kheri) के तिकुनिया में आठ लोग मारे गए थे, जहां उस समय हिंसा भड़क उठी थी, जब किसान तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (deputy chief minister Keshav Prasad Maurya) के इलाके में दौरे का विरोध कर रहे थे।
मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी (Uttar Pradesh Police FIR) के अनुसार, चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया था, जिसमें कथित तौर पर आशीष मिश्रा बैठे थे। इस घटना के बाद एसयूवी के चालक और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की कथित रूप से गुस्साए किसानों ने हत्या कर दी थी। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी “suo-moto constitutional powers” का प्रयोग किया था और निर्देश दिया था कि लिंचिंग मामले में गिरफ्तार किए गए चार किसानों गुरुविंदर सिंह, कमलजीत सिंह, गुरुप्रीत सिंह और विचित्रा सिंह को अगले आदेश तक अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। निचली अदालत ने पिछले साल 6 दिसंबर को चार प्रदर्शनकारी किसानों की मौत के मामले में हत्या, आपराधिक साजिश और अन्य दंडात्मक कानूनों के कथित अपराधों के लिए आशीष मिश्रा और 12 अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे।