Lakhimpur Kheri : लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को शुक्रवार को जेल से रिहा कर दिया गया है। खीरी जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने मीडिया को बताया कि आशीष मिश्रा को जेल से रिहा कर दिया गया है। हमें सत्र अदालत से रिहाई का आदेश मिल गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उसे 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा में आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी थी, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ ने निर्देश दिया कि आशीष मिश्रा अंतरिम जमानत अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश या दिल्ली में नहीं रहेंगे।
Lakhimpur Kheri: आशीष मिश्रा को कोर्ट की निगरानी में रहना होगा
आशीष मिश्रा को राहत तो मिली है लेकिन वह जमानत की अवधि के दौरान कोर्ट की निगरानी में रहेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 मार्च को होनी है। कोर्ट ने आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि बैलेंस यानी कानून और न्यायिक प्रक्रिया के बीच संतुलन बनाने के लिए लिया यह फैसला लिया गया है। आशीष कोर्ट को अपनी लोकेशन के बारे में बताता रहेगा, ताकि उस पर निगरानी रखी जा सके साथ ही उसे अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा।
Lakhimpur Kheri: किसान संगठनों ने जताया विरोध
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के बुधवार के फैसले कीर्ति किसान यूनियन को अच्छा नहीं लगा, संगठन ने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया है। आशीष मिश्रा पर 3 अक्टूबर, 2021 को यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में पांच लोगों जिनमें चार किसानों और एक पत्रकार को कार से रौंदने का आरोप लगा था। यह किसान एक विरोध के तहत यहां पहुंचे थे। कीर्ति किसान यूनियन के सदस्य – अध्यक्ष निर्भाई सिंह धुडीके, उपाध्यक्ष राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला, महासचिव सतबीर सिंह सुल्तानी, प्रेस सचिव जतिंदर सिंह छीना और रमिंदर सिंह पटियाला ने आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की है।