दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा निदेशालय (TTE) के सचिव को आम आदमी पार्टी सरकार के प्रमुख ‘दिल्ली की योगशाला’ कार्यक्रम को कथित रूप से बंद करने की कोशिश करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है।
दिल्ली के नागरिकों को योग प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सरकार के कार्यक्रम की घोषणा पिछले साल 31 दिसंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की थी। दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम पिछले साल शुरू किया गया था और दिल्ली विधानसभा ने ध्यान और योग विज्ञान केंद्र शुरू करने के लिए डीपीएसआरयू को एक बजट भी दिया गया है।
सिसोदिया द्वारा जारी नोटिस में कहा गया, “दिल्ली की योगशाला न केवल दिल्ली में बल्कि पूरे देश को प्रेरित करने के लिए और ध्यान और योग को बढ़ावा देने के लिए है। यहां तक कि प्रधानमंत्री भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रचार कार्यक्रम आयोजित करके योग को बढ़ावा देते हैं। यह जानने के बावजूद कि दिल्ली की योगशाला सरकार की एक प्रमुख परियोजना है, इसे गलत तरीके और जबरन इसे बंद करने की कोशिश की जा रही है और हजारों दिल्लीवासियों के लिए योग कक्षाएं प्रदान करने के प्रयासों को तोड़ा जा रहा है।”
सिसोदिया ने कहा, “मुझे बताया गया है कि 30 सितंबर को बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) की 28वीं बैठक में सचिव (TTE) के आग्रह पर कार्यक्रम को बंद करने का निर्णय लिया गया था। मुझे यह भी बताया गया है कि बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के कई सदस्य वर्तमान कार्यक्रम को जारी रखना चाहते थे लेकिन सचिव ने इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और कहा कि इस कार्यक्रम को जारी नहीं रखा जा सकता है।” बता दें कि दिल्ली के दिन पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद दिवाली पर जमकर आतिशबाज़ी हुई।
डिप्टी सीएम सिसोदिया ने TTE के सचिव को भी स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। उन्होंने नोटिस में कहा, “2008 के डीपीएसआरयू अधिनियम 7 की धारा 6 (4) के अनुसार विश्वविद्यालय अधिनियम बाह्य अध्ययन और विस्तार सेवाओं का आयोजन और कार्य कर सकती है। यदि अधिनियम कहता है कि डीपीएसआरयू विस्तार सेवाएं दे सकता है तो सचिव ने किस आधार पर कहा कि योग कार्यक्रम को बंद करना होगा।”