यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Department) ने सोमवार को उनकी करोड़ों की जमीनें जब्त कर लीं। प्रजापति ने इस जमीन को अपने नौकर राम सहाय के नाम पर ली थी। जब्त की गईं जमीनों में लगभग 10 बीघा लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील के इंद्रजीत खेड़ा गांव में है। जमीन जब्त करने की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने वहां पर नोटिस भी लगा दी है। गायत्री प्रसाद प्रजापति की अब तक 90 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
इससे पहले ईडी ने प्रजापति और उसके परिवार के सदस्यों की 60 से अधिक संपत्तियों और 50 से ज्यादा बैंक खातों को जब्त किया था। जब्त की गई संपत्तियों का बाजार मूल्य 55 करोड़ रुपये के करीब था। समाजवादी पार्टी के शासन काल में गायत्री प्रजापति लंबे समय तक खनन मंत्री थे। खनन घोटाले में सीबीआई की तरफ से दर्ज मुकदमे को आधार बनाकर पीएमएलए के तहत दर्ज किए इस केस में ईडी कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। आरोप पत्र में गायत्री की अकूत संपत्तियों का सारा ब्योरा दिया गया था। फिलहाल प्रजापति जेल में हैं। ईडी की जांच में पता चला कि गायत्री ने न सिर्फ खुद चुनाव में दिए गए शपथ पत्र में संपत्तियों का ब्योरा छिपाया, बल्कि परिवार के सदस्यों ने भी फर्जी आय दर्शाते हुए आयकर रिटर्न दाखिल किए।
विभाग ने सोमवार को लखनऊ के मोहनलालगंज में यह कार्रवाई प्लाटिंग किए जाने की शिकायत के बाद की। ईडी ने इन जमीनों को बेनामी संपत्ति मानते हुए अपने कब्जे में ले लिया। जमीन गाटा संख्या 391 और 641 में है। ईडी के नोटिस में कहा गया है कि “धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) की धारा 8(4) के तहत यह संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार के कब्जे में है। किसी प्रकार का अंतरण अवैध होगा तथा अतिक्रमी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।” नोटिस ईडी के उप निदेशक की तरफ से लगाई गई है। इस पर ईडी के लखनऊ जोन कार्यालय का पता भी लिखा गया है।
जमीन जब्त करने की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। बताया जा रहा है कि उनकी कई और संपत्तियां भी चिह्नित की गई हैं। उनके बारे में जानकारी जुटाकर जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।