Chhattisgarh Mining Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार (20 फरवरी, 2023) को कोयला घोटाले मामले में छत्तसीगढ़ में कई जगहों पर छापेमारी की है। जिन परिसरों पर छापेमारी की जा रही है उनमें से कुछ कांग्रेस विधायकों और पदाधिकारियों से जुड़े हुए हैं।

सूत्रों के मुताबिक सभी छापेमारी स्थल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी विधायकों और पदाधिकारियों के हैं। सीएम बघेल ने सुबह 11 बजे अपने आवास पर स्टूडेंट प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जनवरी महीने में भी आईएएस, कारोबारियों और कांग्रेस नेताओं के रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, कोरबा, महासमुंद के ठिकानों पर कार्रवाई की थी।

ईडी की छापेमारी को लेकर भूपेश बघेल केंद्र पर लगाते रहे हैं आरोप

छत्‍तीसगढ़ में ईडी की छापेमारी को लेकर राज्य के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल लगातार केंद्र पर प्रदेश सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते रहे हैं। पहले दिए बयानों में मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्र पर ईडी का गलत इस्‍तेमाल कर राजनेताओं और अफसरों को डराने का आरोप लगाया था।

2 दिसंबर को ईडी ने सौम्या चौरसिया को किया था अरेस्ट

इससे पहले साल 2022 में 11 अक्टूबर को ईडी ने प्रदेश के कई अफसरों और कारोबारियों के ठिकानों पर छापा मारा था। 13 अक्टूबर को ईडी ने आईएएस समीर बिश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया। 29 अक्टूबर को सूर्यकांत तिवारी ने समर्पण किया, जिन्हें दस दिन की पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया। 2 दिसंबर को मुख्यमंत्री सचिवालय की उपसचिव सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया गया।

बता दें, 24 फरवरी से रायपुर में कांग्रेस का पूर्ण अधिवेशन होना है। उससे पहले कांग्रेस नेताओं के घर ईडी की कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। राज्य में पहले भी ईडी की टीम कई बार कार्रवाई कर चुकी है, लेकिन पहली बार सीधे तौर पर कांग्रेसी नेताओं के घर पर टीम ने छापा मारा है।

25 जनवरी, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) पर हमलावर होते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में जब से एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने हैं, तब से वहां ईडी, आईटी, सीबीआई, डीआरआई (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) या एनसीबी के पास कोई काम नहीं है। अब वहां रामराज है और सभी कलाकारों ने वहां गांजे का सेवन करना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले जब वहां शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार थी, तब वहां एनसीबी 10 ग्राम गांजे के लिए लोगों पीछे भागती थी, लेकिन अब वहां कोई नशा नहीं कर रहा है।