प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में अवैध कोयला खनन और चोरी के मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता विनय मिश्रा, उनके भाई विकास और मुख्य आरोपी अनूप मांझी की 9.28 करोड़ रुपये की संपत्ति धन शोधन रोकथाम कानून के तहत कुर्क की गई है। जांच एजेंसी ने संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दो अस्थायी आदेश जारी किए।

ईडी ने एक बयान में बताया कि कुर्की की पहली कार्रवाई में सात भूखंड और उत्तर प्रदेश के अमेठी और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में दो फ्लैट की कुर्की की गई। इनकी कीमत 48.57 लाख रुपये आंकी गई है और इनके मालिक विनय मिश्रा और विकास मिश्रा हैं। इसमें बताया गया कि कुर्की की दूसरी कार्रवाई में 20 भूखंड और पश्चिम बंगाल तथा मुंबई में एक-एक फ्लैट जिनकी कीमत 8.8 करोड़ रुपये आंकी गई है, उनकी कुर्की की गई।

ये संपत्ति अनूप मांझी और उनके परिजनों की है। ईडी ने पीएमएलए के तहत यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अध्ययन के बाद दर्ज किया था। उक्त प्राथमिकी आसनसोल के इर्द गिर्द कुनुस्तोरिया और काजोरा इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों में कई करोड़ रुपये के कथित घोटाले से संबंधित थी।

मांझी उर्फ लाला को इस मामले का मुख्य आरोपी बताया गया है। ईडी ने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के परिवार को इस गैरकानूनी कारोबार से प्राप्त धन मिला।

इस मामले का खुलासा पिछले साल चुनावी सरगर्मियों के बीच हुआ था। 27 नवंबर 2020 को CBI की कोलकाता एंटी करप्शन ब्रांच ने पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में अवैध खनन और उसकी ढुलाई से जुड़ा मामला दर्ज किया था। इन हिस्सों में खनन की जिम्मेदारी कोल इंडिया लिमिटेड के स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ECL को दिया गया था। ECL ने की एक टीम ने अपनी जांच में पाया कि पट्टे क्षेत्र में व्यापक रूप से अवैध कोयला खनन और उसकी ढुलाई हो रही है। इसके बाद यहां बड़े पैमाने पर कोयले की जब्ती की गई थी।