मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप (earthquake) की तीव्रता 3.0 की मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Centre for Seismology) के मुताबिक भूकंप इंदौर (Indore) से करीब 151 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में धार में दोपहर करीब 1 बजे आया। एजेंसी ने कहा कि भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में था।

वहीं एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया है कि रविवार दोपहर अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के पश्चिमी हिस्से में 3.8 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की एक रिपोर्ट से पता चला है कि भूकंप दोपहर 12.12 बजे आया था, जिसका केंद्र भूटान सीमा के पास पश्चिम कामेंग (West Kameng) में 10 किमी की गहराई में था। भूकंप के झटके मध्य-उत्तरी असम और भूटान के पूर्वी हिस्से (eastern part of Bhutan) में महसूस किए गए।

अधिकारियों ने कहा कि किसी के घायल होने या संपत्ति के नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं आई है। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र उच्च भूकंपीय क्षेत्र में आता है, जिससे वहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ लोगों ने बताया कि अचानक घरों के सामान हिलने लगे. घर में रखे बेड कंपन कर रहे थे। फिर पता तला कि भूकंप आया है। हालांकि कुछ ही देर में सबकुछ सामान्य हो गया।

जानिए क्यों आता है भूकंप

बता दें कि पृथ्‍वी टैक्टॉनिक प्लेट पर स्थित है। प्लेटों के नीचे लिक्विड पदार्थ है जिस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती है। कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं और ज्यादा दबाव पड़ने से ये प्लेट्स टूटने भी लगती है। फिर नीचे उत्पन्न हुई उर्जा बाहर निकलने का रास्‍ता खोजती है और जब इससे डिस्‍टर्बेंस बनता है तो भूकंप आता है। हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं।

बता दें कि जब 3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आता है तो कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए, ऐसा असर होता है। वहीं 4 से 4.9 की तीव्रता पर खिड़कियां हिलने लगती है। 5 से 5.9 की तीव्रता पर घरों के अंदर रखे सामान जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगते हैं। जबकि 6 से 6.9 की तीव्रता पर कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं। घरों में दरारें पड़ जाती है।