दिल्ली के कश्मीरी गेट के पास आयोजित दुर्गा पूजा कार्यक्रम में इस बार प्रसाद और भोग थर्मोकॉल प्लेट की जगह पेड़ों के पत्तों पर दिए जाएंगे। पूजा सामग्री को पर्यावरण के अनुकूल बनाने और ऐसा करने के लिए दूसरों को भी प्रेरित करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। हालांकि इसके पहले वहां पर हमेशा थर्मोकॉल की प्लेटें उपयोग में ली जाती थीं।
समिति ने विशेष तैयारी की : पूजा समिति के सेक्रेटरी रॉबिन बोस ने बताया कि प्लास्टिक और थर्मोकॉल का उपयोग इस बार बिल्कुल नहीं किया जाएगा। कहा कि पूजा समिति ने निर्णय लिया है कि पर्यावरण को ध्यान में रखकर ही सारी व्यवस्था की जाए। हम सब लोग पर्यावरण के अनुकूल जाना चाहते हैं। इसलिए समिति ने विशेष तौर पर तैयारी की है।
मथुरा से 16000 पत्तल मंगाए गए हैं : उन्होंने बताया कि थर्मोकॉल प्लेटों का उपयोग बंद कर दिया गया है। दिल्ली के बाजारों में हमें पत्तल नहीं मिल पा रहे हैं। हमनें यूपी के मथुरा से 16 हजार पत्तल मंगाए हैं। इसके अलावा दिल्ली के एक वेंडर से हम 15 से 20 हजार पत्तल ले रहे हैं। दूसरी जगहों से भी पत्तल लेने का प्रयास किया जा रहा है।
पूजा पंडालों में हजारों लोग पहुंचते हैं : रॉबिन बोस के मुताबिक इस वर्ष सभी को प्रसाद और भोग के लिए पेड़ों के पत्ते की बनी थाली उपयोग में लाई जाएगी। कहा कि दुर्गा पूजा पंडालों में हजारों लोग प्रतिदिन पहुंचते हैं। ऐसे में कई क्विंटल थर्मोकॉल, पॉलीथीन और प्लास्टिक्स प्रयोग में लिए जाते थे, जो पर्यावरण को क्षति पहुंचाते हैं। इससे दिल्ली की हवा भी खराब होती है, साथ ही यह खर्चीला भी होता है। इस बार इस पर रोक लगाने के लिए हमने तैयारी की है।