पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर असहजता के माहौल बीच शहर की एक सामुदायिक दुर्गापूजा समिति ने इस साल ‘शरणार्थियों’ को पूजा का विषय बनाया है। शहर के पुरस्कृत पूजा समुदायों में से एक राजदंग नब उदय संघ पूजा ने पंडाल के सामने बैडमिंटन रैकेट और शटलकॉक लगाएं हैं। पूजा समिति के अध्यक्ष सुशांत घोष ने बताया कि ये बैडमिंटन और शटलकॉक इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि शरणार्थी और कुछ नहीं बल्कि शटलकॉक हैं जिन्हें दोनों देश एक-दूसरे की तरफ फेंक रहे हैं।
‘बॉर्डर लोगों को नहीं जमीन को बांटती है’: तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता नगर निगम के वार्ड संख्या 13 के अध्यक्ष सुशांत घोष ने बताया कि पंडाल में लगाए गए लोहे के तार दोनों देश की सीमाओं को दर्शाते हैं, जो देशों को भौगोलिक रूप से बांट सकते हैं, लेकिन इसके लोगों को नहीं। कलाकार सुब्रत बंदोपाध्याय ने बताया कि एक चिड़िया का विशालकाय मॉडल बनाया जाएगा जो इस बात का प्रतीक होगा कि लोग सीमाओं में बंधे हैं और विभाजन के बाद लोग शरणार्थी बन सकते हैं, लेकिन अन्य प्राणियों के साथ ऐसा नहीं है। वे मनुष्य की तुलना में अधिक आजाद हैं।’
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50 लोगों ने मिलकर बनाया पंडालः घोष ने बताया कि पूजा समिति ने जुलाई से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। करीब 50 लोग दिन-रात मिलकर लकड़ी और फाइबर ग्लास से इस जगह को सजाने में जुटे हैं। यह पूछे जाने पर कि पूजा पंडाल में शरणार्थियों को विषय बनाने पर क्या विवाद पैदा होगा, तो इस पर घोष ने कहा, ‘हमारा विषय शरणार्थियों की रक्षा के बारे में है और अगर आप विस्थापित लोगों के मुद्दे पर ध्यान दें तो निश्चित रूप से एनआरसी को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।’
पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू होने के डर के बीच कोलकाता नगर निगम मुख्यालय, बीडीओ दफ्तर और दूसरे सरकारी कार्यालयों के सामने लोगों की लम्बी कतारें देखी जा रही हैं। ये सभी लोग अपने जमीन के कागजात और दूसरे जरूरी दस्तावेज पाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
बालाकोट एयर स्ट्राइक भी ट्रेंड मेंः पिछले साल, दक्षिण कोलकाता के हरिदेवपुर क्षेत्र में एक पूजा समिति ने एनआरसी को विषय बनाकर एकदम अलग ढंग से प्रभावित लोगों की परेशानियां दिखाई थीं। कोलकाता के दुर्गापूजा पंडाल हमेशा से समसामयिक विषयों पर आधारित रहे हैं। शहर के बड़ाबाजार क्षेत्र के फ्रेंड्स यूनाइटेड क्लब ने इस बार बालाकोट हवाई हमले को जीवंत करने के प्रयास किया है। इसके लिए पंडाल में भारतीय वायुसेना के अधिकारियों, लड़ाकू विमान और मृत आतंकवादियों के प्रतिरूप लगाए गए हैं।