नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में बोलने वाले डॉक्टर कफील खान आखिरकार इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद जेल से रिहा कर दिए गए हैं। उन पर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सीएए के मुद्दे पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए रासुका लगा दी थी। बुधवार को जेल से बाहर निकलने के बाद कफील खान ने कहा कि वे न्यायालय के आदेश के शुक्रगुजार हैं, जिसमें कहा गया है कि मेरा भाषण हिंसा भड़काने के लिए नहीं था। डॉक्टर खान ने तंज कसते हुए कहा कि स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का भी शुक्रिया, जिसने मुंबई से मथुरा लाने के दौरान उनका एनकाउंटर नहीं किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर इशारों में हमला करते हुए डॉक्टर कफील खान ने कहा, “रामायण में महर्षि वाल्मिकी ने कहा है कि राजा को राजधर्म का पालन करना चाहिए, लेकिन यूपी में राजा राजधर्म की जगह ‘बाल हठ’ (बच्चों की तरह जिद्द) कर रहा है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी जब कई घंटों तक जेल अधिकारियों ने कफील खान को बाहर नहीं निकाला, तो उनके परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करने की बात कही थी।

कफील खान की मां नुझत परवीन ने कहा कि वे आखिरकार लंबे समय बाद बेटे को देखकर छू सकेंगी। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा एक अच्छा इंसान है, वह देश और समाज के खिलाफ कुछ नहीं कर सकता।

बता दें कि कफील खान पर पिछले साल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था। इसके बाद यूपी सरकार ने उन पर रासुका लगाई थी। उन्हें 29 जनवरी को यूपी के गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया था। पहले उन पर दो समुदायों के बीच धार्मिक भेदभाव भड़काने का आरोप लगा था। हालांकि, जमानत मिलने के बाद उन पर रासुका लगा दी गई थी।