आय से अधिक संपत्ति मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने अपील पर फैसला होने तक उनकी सजा रद्द कर दी है। बता दें कि उन्हें ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में 4 साल की जेल की सजा सुनाई थी।
निचली अदालत ने 27 मई को 1993 से 2006 तक आय से ज्ञात स्त्रोत से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने के मामले में चौटाला को दोषी करार दिया था और उन्हें 4 साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही उन पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। इसके अलावा, अधिकारियों को उनकी चार संपत्तियों को जब्त करने का भी निर्देश दिया गया था। इसके बाद चौटाला ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने उनकी जमानत को मंजूरी दे दी है।
2005 का है मामला
सीबीआई ने साल 2005 में ओम प्रकाश चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। इस मामले में सीबीआई ने 26 मार्च, 2019 को आरोप पत्र दाखिल कर आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने साल 1993 से 2005 के बीच आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की थी।
एजेंसी ने बताया कि उन्होंने 24 जुलाई, 1999 से 5 मार्च 2005 तक हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते हुए परिवार और अन्य के साथ सांठगांठ करके आय से ज्यादा चल एवं अचल संपत्ति जुटाई थी, जो चौटाला और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर है।
इस मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआई की विशेष अदालत के जज ने कहा कि सभी साक्ष्यों और दस्तावेज से साफ है कि पूर्व सीएम ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके 2 करोड़ 81 लाख 451 रुपए की संपत्ति अर्जित की है। कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए कहा था कि वो अपनी संपत्ति के साक्ष्य नहीं दे पाए और गवाहों व दस्तावेज के आधार पर सीबीआई यह साबित करने में सफल रही कि चौटाला ने गलत तरीके से यह संपत्ति अर्जित की है।