भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली यूनिट की नई टीम में कुछ नेताओं का चयन न होने से पार्टी में अब बगावत के सुर उठने लगे हैं। पार्टी के प्रवक्ता हरीश खुराना और दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ चुके तजिंदर पाल सिंह बग्गा जैसे नामों ने नई टीम के गठन के खिलाफ सबसे पहले आवाज बुलंद की है। बग्गा ने तो सोशल मीडिया पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की। दूसरी तरफ बिहार में भी एनडीए के बीच खटपट की खबरें हैं। दरअसल, लोजपा और जदयू के बीच तकरार की वजह से राज्य में अब तक सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है। इससे भाजपा को भी नुकसान का खतरा सता रहा है।

दिल्ली में क्यों नाराज हैं संगठन के नेता: दिल्ली भाजपा ने गुरुवार को ही अपने पदाधिकारियों की नई लिस्ट निकाली। इसमें कुलजीत चहल, दिनेश प्रताप सिंह और हर्ष मल्होत्रा को महासचिव नियुक्त किया गया, जबकि आठ उपाध्यक्ष, आठ सचिव और 10 प्रवक्ताओं के नामों की भी घोषणा की गई। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना के बेटे हरीश खुराना ने इस नई लिस्ट के आने के बाद प्रवक्ता पद से इस्तीफा देने की धमकी तक दे डाली। वे इस पद पर पिछले 10 साल से हैं और फिर से पदाधिकारी बनने की इच्छा जता चुके थे। उन्होंने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी से टिकट भी मांगा था, लेकिन उन्हें लड़ाने से इनकार कर दिया गया।

खुराना ने इसके बाद सुबह ही अपने ट्विटर बायो से भाजपा स्पोक्सपर्सन (प्रवक्ता) हटा लिया था और इसे बदलकर कार्यकर्ता कर लिया था। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ नेताओं के दखल के बाद शाम तक उन्होंने एक बार फिर अपने बायो में प्रवक्ता जोड़ लिया। दूसरी तरफ तेजिंदर बग्गा ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल को ही डिएक्टिवेट कर लिया। एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बग्गा अपने लिए युवा इकाई में अध्यक्ष या पदाधिकारी का पद चाहते थे। उनके प्रोफाइल डिएक्टिवेट करने की एक वजह यह थी कि उनके कई विरोधी उन्हें सोशल मीडिया स्टार कहकर ही संबोधित करते हैं। जबकि बग्गा एक प्रवक्ता रहने के बजाय अपनी जगह पार्टी की अग्रिम पंक्ति में बनाना चाहते हैं।

इन दोनों के अलावा दिल्ली भाजपा की इकलौती मुस्लिम पदाधिकारी रहीं शाजिया इल्मी भी टीम से हटाए जाने पर नाराज हैं। हालांकि, उन्होंने कहा है कि वे निराश नहीं हैं और पार्टी को आगे बढ़ाना जारी रखेंगी। दिल्ली भाजपा ने इस बार यासिर गिलानी को प्रवक्ता के तौर पर मौका दिया है। हालांकि, पदाधिकारियों में इस बार कोई मुस्लिम चेहरा नहीं है। इस बीच हारून को पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा का अध्यक्ष चुना गया है।

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि उन्हें अब तक कोई इस्तीफा नहीं मिला है। उन्होंने कहा- “यह युवाओं की टीम है और जो अभी टीम का हिस्सा नहीं बन पाए हैं, उन्हें आगे जिम्मेदारियां दी जाएंगी।” पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि नई टीम के गठन पर कुछ सांसद भी नाराज हैं, क्योंकि पदाधिकारियों के लिए उनकी पसंद को जगह नहीं दी गई है और इसमें महासचिव सिद्धार्थन की छाप है। सिद्धार्थन का कहना है कि टीम में जो भी बदलाव हुए हैं, वह अध्यक्ष की मंजूरी से हुए हैं और उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं है।

बिहार में नहीं थम रहा जदयू-लोजपा के बीच टकराव: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जहां महागठबंधन ने सीटों का बंटवारा कर लिया है, लेकिन एनडीए में सीट शेयरिंग का पेंच अभी भी फंसा है। कई दौर के बैठकों के बाद भी जदयू-भाजपा के बीच का मामला भी फंसा हुआ है। भाजपा ने बिहार भाजपा प्रभारी भूपेन्द्र यादव और चुनाव प्रभारी पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस को घटक दलों को मनाने का जिम्मा सौंपा है, हालांकि यह दोनों नेता भी अब तक गतिरोध को खत्म करने में सफल नहीं हुए हैं। बता दें कि दोनों नेता शुक्रवार को बातचीत का ब्योरा देने दिल्ली गए थे और शनिवार की दोपहर में ही पटना लौट गए। इन दोनों नेताओं के आते ही एनडीए में सीट बंटवारे के मसले पर बातचीत की प्रक्रिया फिर शुरू हुई है।