दिल्ली एनसीआर में बढ़े प्रदूषण स्तर के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है और इस बाबत आदेश जारी किए गए हैं। आदेश के मुताबिक दिल्ली के अंदर बीएस तीन और बीएस चार श्रेणी के वाहन पर रोक लगाई है। अगले आदेश तक आम जनता इन वाहनों का प्रयोग नहीं कर सकेगी।
इस बाबत दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के उपायुक्त विनोद कुमार यादव ने आदेश जारी किए हैं। आदेश में बताया कि दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता की स्थिति के आकलन के बाद वायु गुणवत्ता आयोग ने प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के लिए तीसरे स्तर की कार्य योजना (ग्रेप 3 ) लागू करने के आदेश दिए हैं। आदेश के तहत ही डीजल वाहनों के प्रयोग पर रोक लगाई गई है। बताया गया है दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर गंभीर श्रेणी में चला गया है। इस वजह से आयोग ने आम जनता को पहले व दूसरे दर्जे में दी जाने वाली राहते खत्म कर दी है और इसकी जगह दिल्ली एनसीआर में ग्रेप 3 लागू करने के आदेश दिए हैं।
आदेशों में साफ कहा गया है कि केवल आपात सेवाओं के लिए प्रयोग किए जा रहे वाहन ही इस दायरे में प्रयोग किए जा सकते है। दिल्ली एनसीआर में यदि कहीं भी इन आदेशों का उल्लंघन पाया जाता है तो इस स्थिति में संबंधित वाहन चालक को बीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 115 में प्रावधान किया गया है।
इन आदेशों की प्रति परिवहन विभाग से संबंधित सभी विभागों को भेजी गई है। इस बार वायु गुणवत्ता आयोग ने वायु गुणवत्ता स्तर को प्रदूषण कम करने के लिए तैयार की गई कार्य योजना के साथ जोड़ा है। इस योजना में जैसे ही स्तर में कमी या बढ़ोतरी होती है तो वायु गुणवत्ता आयोग के दिशा निर्देश के मुताबिक जनता पर राहत व सख्ती लागू की जाती है।
दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषण धीरपुर में : दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सोमवार को बेहद गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। इंडिया वायु गुणवत्ता सेवा (सफर) के मुताबिक शाम करीब सात बजे दिल्ली में औसतन वायु गुणवत्ता का स्तर 337 दर्ज किया गया था। सबसे अधिक प्रदूषण धीरपुर में दर्ज किया गया। सफर के मुताबिक यह स्तर के मंगलवार को भी तीन सौ से अधिक रहने की संभावना है। यह स्तर पूसा में 326, लोधी रोड 302, दिल्ली विश्वविद्यालय 335, हवाई अड्डा 343, नोएडा 365, मथुरा रोड 332, आइआइटी दिल्ली 313, गुरुग्राम 309 और धीर पुर 410 किया गया।