DG Vanzaras New Political Party: गुजरात के चर्चित पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने नया सियासी दल तैयार कर लिया है। ‘प्रजा विजय पक्ष’नाम की राजनीतिक पार्टी का ऐलान करते हुए डीजी वंजारा ने कहा वो गुजरात विधानसभा की सभी (182 सीटों) पर चुनाव लड़ेंगे। डीजी वंजारा ने अपने ट्विटर हैंडल पर गुजराती भाषा में अपनी राजनीतिक पार्टी का ऐलान करते हुए कहा, ‘गुजरात से भय और भ्रष्टाचार के शासन को समाप्त करने और आने वाले कल में “निर्भय प्रजाराज” की स्थापना के लिए एक नए राजनीतिक विकल्प के रूप में “प्रजा विजय पक्ष” की औपचारिक घोषणा की है।’

बीबीसी न्यूज के मुताबिक डीजी वंजारा की पार्टी के महासचिव सामंत सिंह ने बताया कि उनकी पार्टी ‘प्रजा विजय पक्ष’ गुजरात विधानसभा चुनाव में सभी 182 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। अपने करियर के दौरान लगातार विवादों में घिरे रहने वाले पूर्व आईपीएस ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों पर हमला बोला।

2013 में जेल से भेजा इस्तीफा, गुजरात सरकार ने किया नामंजूर

अहमदाबाद में वंजारा की पोस्टिंग के दौरान उन्होंने लगभग 20 लोगों के एनकाउंटर किया था। बाद में सीबीआई जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि ये सभी एनकाउंटर फर्जी थे। वो तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी करीबी थे। फर्जी एनकाउंटर मामले में डीजी वंजारा को लगभग 8 सालों तक अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में रहना पड़ा था। डीजी वंजारा ने जेल से ही साल 2013 में गुजरात सरकार को अपना इस्तीफा भी भेजा था लेकिन सरकार ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया था।

इस्तीफे में मोदी सरकार पर बोला था हमला

वंजारा ने अपने इस्तीफे में तत्कालीन गुजरात की मोदी सरकार को लेकर हमला बोलते हुए कहा था कि मोदी सरकार को अहमदाबाद की साबरमती जेल में या फिर मुंबई की तलोजा जेल में होना चाहिए। उन्होंने तत्कालीन गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी और तत्कालीन गुजरात के गृहमंत्री अमित शाह पर पुलिस सिस्टम का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। वंजारा ने सरकार को भेजे गए इस्तीफे में ये भी लिखा था कि मैं साफतौर पर बताना चाहूंगा कि 2002 से 2007 के बीच क्राइम ब्रांच, एटीएस और बॉर्डर रेंज ने वही किया था जो तत्कालीन गुजरात सरकार की नीति थी। हम तो उस नीति को अंजाम दे रहे थे।

जानिए कौन हैं डीजी वंजारा

डीजी वंजारा साल 1987 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। वो गुजरात में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जाने जाते हैं। पहले वो क्राइम ब्रांच में थे बाद में गुजरात एटीएस के मुखिया बना दिए गए थे। वंजारा पाकिस्तानी सीमा से सटे इलाके में बॉर्डर रेंज के आईजी भी रह चुके हैं। वंजारा साल 2002 से 2005 तक अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस थे। इस दौरान उनका करियर काफी विवादों में रहा और फर्जी एनकाउंटर के मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।