Patna Sahib Gurdwara: बिहार के पटना साहिब गुरुद्वारा में एक श्रद्धालु के बड़े दान की चर्चा हो रही है। भेंट किए गए पांच करोड़ के बेशकीमती हीरे-जेवरात और सोने के बने सामानों के असली-नकली होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। चर्चा इसलिए है कि श्रद्धालु ने जो दान में पांच करोड़ के गहने दिए वो जांच में सब नकली निकले। इसके बाद तख्त श्री हरमंदिर पटना साहिब के पंच प्यारों की बैठक हुई। जिसमें एक बड़ा फैसला लिया गया और वर्तमान जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए मस्कीन को तनखइया घोषित कर दिया गया।

वहीं इस दान को देने वाले पंजाब के करतारपुर निवासी डॉ. गुरविंदर सिंह सामरा को मना किए जाने के बाद भी मीडिया में बयान देने और तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब की गरिमा को ठेस पहुंचाने पर पंच प्यारों ने कड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में डॉ. सामरा को एक अखंड पाठ, 1100 का कड़ाह प्रसाद और तीन दिनों तक बर्तन और जूता घर में सेवा करने का हुक्म जारी किया गया है। पंच प्यारों ने दानकर्ता और जत्थेदार से मिले साक्ष्यों को लेकर लगभग 8 से 9 घंटे तक मैराथन बैठक करने के बाद देर रात अपना फैसला सुनाया।

डॉ. सामरा ने 1 जनवरी 2022 को नकली जेवरात भेंट किए

बता दें, डॉ. सामरा ने 1 जनवरी 2022 को लगभग पांच करोड़ मूल्य के हीरे जेवरात से बने सोने के हार, सोने की कृपाण, सोने से बनी छोटी पलंग और कलगी गुरुद्वारा साहिब को भेंट की थी। सिख संगतो को इस भेंट पर शक हुआ जिसके बाद गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विरोधी गुट द्वारा इस मामले में सवाल उठाए गए। इन सवालों का ये असर हुआ कि तख्त श्री हरमंदिर प्रबंधक कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय अवतार सिंह हित के निर्देश पर इन सामानों की जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि सोने की शुद्धता बहुत कम है।

मामले के सामने आने के बाद डॉ. सामरा ने जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए मस्कीन की निगरानी में सामान के निर्माण की बात किए जाने आरोप लगाया। डॉ. सामरा के आरोप के बाद जत्थेदार ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।

जांच के लिए गठित की गई पांच सदस्यीय कमेटी

इस पूरे मामले की जांच को लेकर पांच सदस्यीय कमेटी गठित का गठन किया गया। बैठक में पूर्व नई दिल्ली में जत्थेदार और डॉक्टर सामरा उपस्थित हुए। इधर तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पंच प्यारों ने दोनों को 10 सितंबर को उपस्थित होने का हुक्मनामा जारी किया था, जिसके बाद दोनों पक्षों की उपस्थिति हुई। इस दौरान तबीयत ठीक न होने के कारण डॉ. सामरा की जगह उनके बड़े बेटे हरमनदीप सिंह सामरा मौजूद रहे।