पश्चिम बंगाल में अब चुनाव में बेहद कम समय रह गया है। इस बीच राजनीतिक दलों ने अपने हिसाब से एजेंडा तय करना शुरू कर दिया है। जहां तृणमूल कांग्रेस लगातार भाजपा पर ध्रुवीकरण की राजनीति का आरोप लगा रही है, वहीं भाजपा का आरोप है कि टीएमसी तुष्टीकरण की राजनीति कर चुनाव जीतने की कोशिश में है। इस आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच रैलियों में लगातार विवादास्पद नारे लग रहे हैं। एक दिन पहले ही हूगली के चंदननगर में भाजपा समर्थकों ने ‘बंगाल के गद्दारों को गोली मारो @# को’ के नारे लगाए। अब इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है।
बताया गया है कि बंगाल पुलिस ने इस मामले में भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष सुरेश शॉ और दो पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें आज चंदननगर कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले में शॉ ने कहा, “हम किसी भी तरह से हिंसा नहीं फैला रहे। हम सिर्फ सेना से देश के गद्दारों को गोली मारने के लिए कह रहे हैं।” दूसरी तरफ भाजपा के ही एक नेता शमिक भट्टाचार्य ने पार्टी सदस्यों को इस तरह के नारों से बचने की सलाह दी है।
#WATCH | West Bengal: BJP supporters raise slogan — ‘desh ke gaddaron ko, goli maaro saalo ko” during a party rally in Chandannagar, Hooghly. pic.twitter.com/4P5zXv3kNs
— ANI (@ANI) January 20, 2021
तृणमूल कांग्रेस की रैली में भी लग चुके हैं यही नारे: गौरतलब है कि इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों की दक्षिण कोलकाता में हुई एक रैली में ‘‘बंगाल के गद्दारों को गोली मारो ## को’’ का नारा लग चुका है। तब सत्तारूढ़ पार्टी ने को खुद को इससे अलग कर लिया था और नारा लगाने वाले कार्यकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाई थी।
तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा था कि पार्टी इसका समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा कि कुछ युवकों ने जोश में आकर ऐसी नारेबाजी कर दी थी। उन्होंने कहा था ‘‘ रैली में ऐसा नारा नहीं लगना चाहिए था। ऐसी नारेबाजी करने वालों ने ठीक नहीं किया। ‘‘गोली मारो’’ शब्दों को शब्दश: नहीं लेना चाहिए।’’
भाजपा ने उठाया तृणमूल के दोहरे रवैये का मुद्दा: गौरतलब है कि भाजपा के नेता कपिल मिश्रा ने जनवरी 2020 में दिल्ली में यही नारे लगाए थे। तब तृणमूल सहित कई विपक्षी पार्टियों ने भाजपा की निंदा की थी। अब तृणमूल की तरफ से यह नारे लगने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने इसे ममता सरकार का दोहरा रवैया बताते हुए निशाना साधा। घोष ने कहा कि तब पार्टी आग बबूला हो रही थी और अब खुद ही ऐसा नारा लगा रही है। घोष ने कहा, ‘‘ तृणमूल ही राज्य की राजनीति में बंदूकों और बम की संस्कृति लाई। अब, वे खुलेआम रैलियों में इसे स्वीकार भी कर रहे हैं।’’