Samajwadi Party March: उत्तर प्रदेश में सोमवार (19 सितंबर 2022) से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। इसके पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ अपने पार्टी कार्यालय से राज्य विधानसभा तक मार्च निकाला। इस बीच यूपी सरकार में डिप्टी सीएम ने कहा कि सड़क छाप गुंडों को संरक्षित करना सपा का काम है।
बृजेश पाठक ने सपा पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा, “अगर आप रोज पैदल विधानसभा आते हैं तो अलग बात है, लेकिन जब आप रैंपेज पर उतरेंगे, अराजकता पर उतरेंगे तो आपको एक अलग मार्ग की मांग करनी होगी।” डिप्टी सीएम ने आगे कहा, “समाजवादी पार्टी के डीएनए में है कि वो गुंडे, बदमाशों को संरक्षण देती है। यहां तक कि जो सड़कछाप गुंडे-मवाली होते हैं, जो सड़क पर बहन-बेटियों को छेड़ते हैं उनको भी संरक्षण देने का सपा का इतिहास है।”
गुंडों की भाषा गुंडों जैसी: वहीं, दूसरी ओर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हम तो लोकतांत्रिक तरीके से हिस्सा लेने जा रहे हैं, लेकिन योगी सरकार ने सभी विधायकों को सदन की कार्यवाई में हिस्सा लेने से रोक दिया है। उन्होंने बृजेश पाठक के आरोपों पर कहा, “गुंडों की भाषा गुंडों जैसी ही निकलेगी, सीएम हों या डिप्टी सीएम अगर इस तरह से अराजकतापूर्ण बयान देंगे तो स्वाभाविक है कि सरकार की अराजकता उनके सर चढ़कर बोल रही है।”
पुलिस ने रोका मार्च: लखनऊ के वही, दूसरी ओर मार्च पर निकले समाजवादी पार्टी के विधायकों को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया। पुलिस का कहना है कि इस रूट पर मार्च की अनुमति नहीं ली गयी थी। लखनऊ के ADG कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा, “उस रास्ते में पहले भी पुलिस पर हमला और राजभवन पर फायरिंग की घटना हुई थी। ऐसा रास्ता चुना गया जहां ट्रैफिक कम रहता है। उच्च न्यायालय द्वारा राजधानी क्षेत्र में धरना प्रदर्शन के लिए स्थान निर्धारित किए हैं। अभी मौके पर शांति व्यवस्था बनी हुई है।”
समाजवादी पार्टी पैदल मार्च पर प्रशांत कुमार ने कहा, “बार-बार अनुरोध के बाद भी राजनीतिक दल ने स्थानीय पुलिस से अनुमति नहीं ली थी। इसके बाद भी पुलिस ने पैदल यात्रा का रूट तय किया था, लेकिन दल ने ऐसे रास्ते से जाने की ज़िद की जहां संवैधानिक और अन्य महत्वपूर्ण संस्थान हैं।”