कोरोना महामारी के इस दौर में जब अपने लोगों का साथ नहीं दे रहे हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस को आगे आकर मदद करनी पड़ रही है। लेकिन इस बीच उम्र दराज पुलिसकर्मियों को एक गहरी चिंता सता रही है। ऐसे पुलिसकर्मी जिनके सेवानिवृत्त होने के कुछ साल ही शेष बचे हैं। उन्हें डर है कि यदि उनके साथ कोई अनहोनी हो गई तो क्या होगा। विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि कर्मचारियों पर बोझ है। ऐसे में उनका मनोबल बढ़ाने की दरकार भी है, लेकिन इस भयावाह स्थिति में अधिकारी भी मनवता के फर्ज को निभाने में जुटे हैं। ताकि उन लोगों की मदद की जाए, जिनको जरूरत है।
लापता विधायक
आमतौर पर नेता अपना पोस्टर खुद ही लगवाते हैं, लेकिन करोना काल में इसके उलट दिख रहा है। इन दिनों दिल्ली के कई इलाकों में विधायकों का पोस्टर विपक्ष लगवाते फिर रहे हंै। बादली, किरारी, नागलोई विधानसभा इलाकों में वहां के आम आदमी पार्टी के विधायकों के फोटो वाले पोस्टर विपक्षी दलों की ओर से लगाए गए हैं। जिन से किसी पर लिखा है ‘गुमशुदा की तलाश’ तो किसी पर लिखा है ‘आप विधायक लापता’। पोस्टर के जरिए विरोधी दावा कर रहे हैं कि करोना के संकट की घड़ी में विधायक गायब हो गए है। जनता त्राहिमाम कर रही है और नेताजी घरों में दुबके पड़े हैं।
मर गई आत्मा
महामारी के इस बेहद पीड़ादायक माहौल में भी मजबूरी का फायदा उठाकर लूटने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। चाहे डॉक्टर हो या स्वास्थ्यकर्मी, एंबुलेंस चालक हो या दुकानदार। यहां तक की सांस के लिए मोहताज लोगों और मरने के बाद अंतिम संस्कार तक के लिए लोगों को नहीं बख्शा जा रहा है। और इन पर अंकुश लगा पाना प्रशासनिक व्यवस्था के लिए चुनौती साबित हो रहा है। अब तो दान के नाम पर भी लोग पैसे एेंठ रहे हैं। लोगों को प्लाज्मा दान करने के नाम पर हजारों रुपए वसूले जा रहे हैं। कुछ मजबूर ऐसे भी हैं जो किसी भी कीमत पर अपनों की जान बचाना चाहते हैं। पता चला कि इस गोरखधंधे में कोविड अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारियों ने संगठित होकर गिरोह संचालित कर रखा है। जो उनके यहां से सही होकर जाने वालों के मोबाइल नंबर और पते को अपने पास रखता है। अब ऐसे में देखा जाए तो इनकी आत्मा सच में मर गई है।
-बेदिल

