दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के प्रभारी एवं आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दुर्गेश पाठक ने सोमवार को पत्रकार वार्ता कर दावा किया कि पिछले तीन महीने में दिल्लीवासियों ने रिकार्ड तोड़ गृह कर जमा करवाया है। इस अवधि में 1113 करोड़ रुपए गृह कर के तौर पर जमा करवाया गया। एमसीडी के आज तक के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।

पाठक ने कहा कि भाजपा के शासन काल में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 539 करोड़ रुपए और केवल 100 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी के साथ वर्ष 2022-23 में 695 करोड़ रुपए का गृह कर जमा हुआ था। मात्र तीन महीनों में दिल्लीवालों ने साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर उनका भरोसा कायम है।

उन्होंने दावा कि आगामी 3-4 सालों में एमसीडी को दिल्ली सरकार की तरह बजट के लिए किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा और एमसीडी भी फायदे में रहेगी। एमसीडी में आप की सरकार आने के बाद अप्रैल में महापौर की नियुक्ति के बाद से मात्र तीन महीनों में सबसे ज्यादा यानी कि 1113 करोड़ रुपए गृह कर के तौर पर जमा हुआ। भाजपा के शासन काल की तुलना में लगभग 400 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।

दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया कि एमसीडी में पिछले 15 सालों तक भाजपा का शासन रहा। इस दौरान भ्रष्टाचार का यह आलम रहा कि पूरी दिल्ली में जो पेड़ों की छटाई होती है। उसमें मुश्किल से 20-25 मशीनों की जरूरत पड़ती है। लेकिन उन मशीनों को खरीदने तक के पैसे एमसीडी के पास नहीं होते थे। कर्मचारियों को कई-कई महीनों तक तनख्वाह नहीं मिलती थी।

अस्पतालों में दवाइयां नहीं होती थीं, इलाज नहीं होता था। भाजपा के शासन काल में हर तरफ भ्रष्टाचार था। पर आप ने तीन महीने में साबित कर दिखा कि यदि ईमानदारी से काम किया जाए तो जनता भी भरोसा करती है।