दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार शहर की सुरक्षा और आम लोगों की समस्याओं का त्वरित तरीके से निपटान करने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है। करीब पांच वर्ष पहले 2020 में खत्म हुई थाना स्तरीय समितियों को एक बार फिर से अस्तित्व में लाने की तैयारी की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशों के बाद दिल्ली सरकार ने जिला और थाना स्तर पर समितियों के गठन की कवायद को तेज कर दिया है।
दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने जारी किया आदेश
दिल्ली सरकार के सूत्र के अनुसार, मुख्य सचिव धर्मेंद्र की अध्यक्षता में पिछले दिनों दिल्ली पुलिस और गृह विभाग के साथ अन्य विभागों के आला अधिकारियों की बैठक हुई। बताया गया कि दिल्ली सरकार का गृह विभाग जिला स्तरीय और थाना स्तरीय समितियों के गठन को लेकर विशेष आदेश जारी कर चुका है। विभागों की ओर से दी गई जानकारी के बाद मुख्य सचिव ने भी दिल्ली पुलिस और गृह विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिला स्तरीय और थाना स्तरीय समितियों का गठन जल्द से जल्द किया जाए।
इस बीच देखा जाए तो दिल्ली पुलिस के कुल 15 जिले हैं, जो सात लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं। इनमें पूर्वी, उत्तरी पूर्वी, शाहदरा, दक्षिणी, दक्षिण पूर्वी, पश्चिमी, नई दिल्ली, दक्षिण-पश्चिम, द्वारका, बाहरी, उत्तर-पश्चिम, बाहरी-उत्तरी, रोहिणी, मध्य और उत्तरी जिला प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन जिलों संसदीय क्षेत्रों के अंतर्गत दिल्ली पुलिस के कुल 194 थाने आते हैं। राजधानी के इन सभी जिला-थानों को दिल्ली पुलिस ने छह क्षेत्र (रेंज) में बांटा हुआ है, जिसमें पूर्वी, दक्षिणी, मध्य, उत्तरी, नई दिल्ली और पश्चिमी क्षेत्र (रेंज) प्रमुख रूप से शामिल हैं।
जिला समितियों का जिम्मा क्षेत्रीय लोकसभा सांसद के पास होता है जबकि थाना स्तरीय समिति का जिम्मा स्थानीय विधायक के पास होता है। गौर करने वाली बात यह है कि पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में 2020 में जिला व थाना स्तरीय समितियों में केवल जिला स्तरीय समितियां ही अस्तित्व में रखीं गईं थी, जिसकी अध्यक्षता स्थानीय सांसद करते आए हैं।
अब नई सरकार जिलों के साथ-साथ थाना स्तरीय समितियों को अस्तित्व में लाने की तैयारी कर रही है। इसका मकसद आपसी संवाद के साथ जनता की समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा कराने से लेकर शांति, सौहार्द और अमन चैन और तालमेल को बनाए रखना है।